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गृहमंत्री अमित शाह से पहलवानों की मुलाकात का दावा किया जा रहा

[Edited By: Rajendra]

Monday, 5th June , 2023 02:27 pm

बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवान लगातार अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया जा रहा है कि पहलवानों ने शनिवार (3 जून) को गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की दावा किया जा रहा है कि अमित शाह के आवास पर करीब 2 घंटे तक मीटिंग चली। ये भी कहा जा रहा है कि पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जांच की मांग के साथ-साथ जल्द से जल्द गिरफ्तारी पर जोर दिया।

गृह मंत्री अमित शाह और पहलवानों की यह मीटिंग शनिवार रात 11 बजे हुई जिसमें साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया शामिल थे। अमित शाह ने पहलवानों से ऐसे समय मुलाकात की है जब खाप पंचायतों की तरफ से केंद्र सरकार को 9 जून तक का अल्टीमेटम दिया गया है। दावा है कि अमित शाह ने पहलवानों को बिना किसी भेदभाव के जांच करने का आश्वासन दिया।
पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ निष्पक्ष जांच और त्वरित कार्रवाई की मांग की, जिन पर एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया हैं। अमित शाह ने पहलवानों को भरोसा दिलाया कि कानून सबके लिए समान है, कानून को अपना काम करने दें।

इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया कि अमित शाह ने आश्वासन देते हुए कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा, पुलिस मामले की जांच कर रही है। मुलाकात के दौरान पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी पर जोर दिया और जल्द से जल्द एक्शन की मांग की। इसके बाद जब पहलवान मामले को लेकर जल्दी की मांग करने लगे तो करीब 2 घंटे की मुलाकात में गृह मंत्री ने तीनों खिलाड़ियों से कहा कि क्या पुलिस को उनका काम करने का समय नहीं देना चाहिए?

सूत्रों का कहना है कि कुश्ती महासंघ के प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की पांच दिन की समय सीमा कल समाप्त होने के बाद प्रदर्शनकारी पहलवानों ने अमित शाह से मिलने की मांग की थी। अगले दिन रविवार 4 जून को पहलवान बजरंग पूनिया सोनीपत पहुंचे। वहां उन्होंने कहा कि अभी कोई फैसला न लिया जाए। जल्द ही सभी संगठनों को एक साथ बुलाकर बड़ी पंचायत की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि तीन-चार दिन में फैसला लिया जाएगा।

प्रदर्शनकारी पहलवानों ने नये संसद भवन के उद्घाटन के दिन 28 मई को संसद की ओर मार्च करने का प्रयास किया था, जिसके बाद उनकी पुलिस से झड़प हुई थी। पुलिस ने प्रदर्शनकारी पहलवानों को हिरासत में ले लिया था और प्रदर्शनस्थल जंतर-मंतर से उनका सामान हटा दिया था।

बीती 28 अप्रैल को बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दो FIR दर्ज की थीं। इनमें यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़, डराने-धमकाने से जुड़ी कई कथित घटनाओं का जिक्र है। पहली FIR में छह पहलवानों के आरोप शामिल हैं। दूसरी FIR एक नाबालिग पहलवान के पिता की शिकायत के आधार पर लिखी गई। FIR के मुताबिक, आरोपों में से दो मामले पेशेवर मदद के बदले सेक्शुअल फेवर की मांग के हैं। कम से कम 15 मामले यौन उत्पीड़न के हैं, जिनमें गलत तरह से छूने, स्तनों पर हाथ लगाने, नाभि को छूने और डराने धमकाने जैसी कथित घटनाओं का जिक्र है।

दोनों FIR में IPC की धारा 354 (महिला की गरिमा भंग करने के इरादे से उसपर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 34 (समान इरादे से किए अपराध) के तहत केस दर्ज हुआ है। इन धाराओं में एक से तीन साल कैद तक की सजा हो सकती है। नाबालिग वाले मामले में पॉक्सो एक्ट की धाराएं भी लगी हैं, जिनमें पांच से सात साल की सजा होती है। आरोपों में जिन कथित घटनाओं का जिक्र किया गया है वो 2012 से 2022 तक की बताई गई हैं। यह भी कहा गया है कि घटनाएं भारत और विदेश में हुईं।

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