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75 हजार किसानों की सफलता की कहानी को आजादी की 75वीं वर्षगांठ यानी 15 अगस्त को रिलीज किया जायेगा

[Edited By: Vijay]

Monday, 25th April , 2022 12:41 pm

आधुनिक तरीकों से खेतीबाड़ी करने की सीख लेकर अपनी आय बढ़ाने वाले देश के 75 हजार किसानों की सफलता की कहानी आने वाले स्वतंत्रता दिवस पर बताई जाएगी। इसके पीछे मकसद है कि किसान उनसे प्रेरणा लेकर परंपरागत खेती में बदलाव लाकर आय बढ़ाएं। भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के निर्देश पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) ने ऐसे किसानों की सफलता की कहानी लिखने की जिम्मेदारी कानपुर के कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी) जोन तीन को दी है।

केस-1 : हरदोई के बिलग्राम क्षेत्र के पसनेर निवासी बाबूराम पहले तीन एकड़ खेत में गेहूं व मक्का की फसल से करीब सवा लाख रुपये सालाना आय करते थे। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने फसल चक्र के हिसाब से खेती करने की सलाह दी। अब गेहूं व मक्का के साथ आलू, मेंथा, मूंगफली, उड़द व मूंग भी पैदा करके ढाई से तीन लाख रुपये कमा रहे हैं।

केस-2 : इटावा के बसरेहर के नावली निवासी रामकरन तिवारी पहले साढ़े 12 एकड़ खेत में धान, गेहूं, गन्ना व सब्जी लगाकर सालाना आठ लाख रुपये तक आमदनी करते थे। वर्ष 2016 में कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर मेरठ जाकर ऊतक संवर्धन विधि से आलू बीज उत्पादन सीखा। लौटकर आलू के बीजों का उत्पादन शुरू किया और आमदनी दोगुणा से ज्यादा हो गई। साथ ही धान की भी फसल पैदा कर रहे हैं।

अटारी निदेशक प्रो. यूएस गौतम ने बताया, तीन वर्ष पहले तक किसान परंपरागत रूप से खेती करते थे। आइसीएआर से संबद्ध कृषि विज्ञान केंद्रों व कृषि विश्वविद्यालयों ने किसानों को फसल चक्र और खेतीबाड़ी में उन्नत प्रजातियों के साथ ही आय बढ़ाने के लिए किए जाने वाले व्यवसायों पशुपालन, मछली पालन और फसल विपणन प्रणाली की जानकारी दी। अब देश भर में तमाम किसान आइसीएआर की तकनीक से ही खेती व सह व्यवसाय करके अपनी आय दो से तीन गुणा कर चुके हैं।

ऐसे 75 हजार किसानों की सफलता की कहानी को प्रकाशित करने की तैयारी हो रही है, जिसे आजादी की 75वीं वर्षगांठ यानी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के दिन रिलीज किया जाएगा। इसमें देश भर के 11 अटारी जोन के तहत आने वाले कृषि विज्ञान केंद्रों के किसान शामिल हैं। इनकी कहानी भी अलग-अलग जोनवार प्रकाशित कर गांव-गांव किसानों तक पहुंचाई जाएगी।

सीएसए विवि ने 12 जिलों के किसानों की बदली किस्मत : चंद्रशेखर आजाद (सीएसए) कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि ने भी दिसंबर में 500 किसानों की कहानी को किताब के रूप में प्रकाशित किया था, जिन्होंने आमदनी दोगुणा करने में सफलता हासिल की। कुलपति डा. डीआर सिंह बताते हैं कि विवि ने भी पिछले वर्षों में हरदोई, इटावा, फतेहपुर, कानपुर देहात, कन्नौज, फर्रुखाबाद, मैनपुरी आदि 12 जिलों के किसानों की आय दो से तीन गुणा तक बढ़ाई है।

  

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