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चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की तारीखों का किया ऐलान

[Edited By: Rajendra]

Monday, 9th October , 2023 01:29 pm

चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। सबसे पहले मिजोरम में 7 नवंबर को मतदान होगा। इसके बाद मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को मतदान होगा। छत्तीसगढ़ में 2 चरणों 7 नवंबर और 17 नवंबर को वोटिंग होगी। वहीं, 23 नवंबर को राजस्थान और 30 नवंबर को तेलंगाना में वोट डाले जाएंगे। सभी 5 राज्यों में नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे। मध्यप्रदेश में अभी बीजेपी सत्ता पर काबिज है, तो वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है। तेलंगाना में केसीआर की पार्टी बीआरएस सत्ता में है। तो वहीं, मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट की सरकार है।

मध्यप्रदेश में दिवाली के 5 दिन बाद मतदान होगा। प्रदेश की सभी 230 सीटों पर एक ही फेज में 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। इसके 16 दिन बाद 3 दिसंबर को नतीजे आएंगे। यानी मध्यप्रदेश में आज से 55वें दिन ये तस्वीर साफ हो जाएगी कि किसकी सरकार बनेगी। एमपी में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही प्रदेश में चुनावी आचार संहिता लागू हो गई है। 21 अक्टूबर को नोटिफिकेशन जारी होगा। 30 अक्टूबर तक नामांकन हो सकेंगे। नामांकन की जांच 31 अक्टूबर को होगी। 2 नवंबर नाम वापसी की आखिरी तारीख है। सी विजिल ऐप से चुनावी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। लोग ऐप के जरिए शिकायत कर सकेंगे। 2018 में दिवाली के 21 दिन बाद 28 नवंबर को वोटिंग हुई थी और 11 दिसंबर को काउंटिंग हुई थी। 2023 के मध्यप्रदेश में 5 करोड़ 60 लाख 60 हजार 925 वोटर हैं। 2018 में 5 करोड़ 4 लाख 33 हजार 79 वोटर थे।

सीईसी राजीव कुमार ने बताया, 17 अक्टूबर से वोटर लिस्ट जारी की जाएगी। 17 अक्टूबर से 30 नवंबर तक किसी को भी वोटर लिस्ट से संबंधित कोई भी बदलाव कराना है, करा सकता है। ये बीएलओ के जरिए या फिर सीधे वेबसाइट के जरिए करा सकते हैं। इन 5 राज्यों में 1।77 लाख पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। पोलिंग बूथ 2 किलोमीटर से दूर नहीं होगा।

चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने बताया, चुनाव आयोग ने सभी 5 राज्यों का दौरा किया और सभी राज्यों की राजनीतिक पार्टियों के साथ बैठक की। इसके अलावा सरकारी एजेंसियों, राज्य सरकारों के साथ बैठकें कीं। हमने राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की। उनके सुझाव और फीडबैक लिए। मिजोरम का कार्यकाल दिसंबर 2023 में खत्म हो रहा है। बाकी राज्यों का कार्यकाल जनवरी 2024 में कार्यकाल खत्म हो रहा है। इन 5 राज्यों में 679 विधानसभा सीटें हैं। इन राज्यों में 16।14 करोड़ से ज्यादा वोटर हैं। इनमें से 8।2 करोड़ मेल और 7।8 करोड़ फीमेल वोटर हैं। इन राज्यों में 60।2 लाख ऐसे वोटर हैं, जो पहली बार वोट करेंगे।

चुनाव आयोग ने सोमवार को छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों में चुनाव तारीखों का ऐलान कर दिया है। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव होंगे। पहले चरण में सात नवंबर और दूसरे चरण में 17 नवंबर को मतदान होगा। चुनाव परिणामों की घोषणा तीन दिसंबर को होगी। ऐसे में आज से 55 दिन बाद प्रदेश को नई सरकार मिल जाएगी। चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि, आपराधिक पृष्ठभूमि वालों को तीन बार न्यूज पेपर में अपनी जानकारी विज्ञापित करानी होगी। वहीं राजनीतिक दलों को भी बताना पड़ेगा कि ऐसे प्रत्याशियों को टिकट देने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं था।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 5 राज्यों के चुनावों की घोषणा के साथ भाजपा और उसके साथियों की विदाई का भी उद्घोष हो गया है। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में कांग्रेस पार्टी मजबूती से जनता के पास जाएगी। जन-कल्याण, सामाजिक न्याय और प्रगतिशील विकास ही कांग्रेस पार्टी की गारन्टी है।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा ने कहा, 'अभी चुनाव तारीखों की घोषणा होगी, देखते है चुनाव आयोग क्या तारीख देता है और कितने चरणों में चुनाव होता है, हमारी पूरी तैयारी है।।।5 राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, हमें पूरा विश्वास है कि हम जीतेंगे।

छत्तीसगढ़ भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा, 'भाजपा चुनाव के लिए तैयार है, छत्तीसगढ़ की जनता भी 5 साल तक राज्य को लूटने, धोखा देने, ठगने वाली सरकार को सबक सिखाने के लिए तैयार है। जनता छत्तीसगढ़ की खुशहाली और तरक्की के लिए मतदान करने के लिए तैयार है।

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सब कुछ अपने नियंत्रण में ले लिया है। पिछले दिनों BJP हेडक्वॉर्टर पर हुई बैठकों में उन्होंने पार्टी नेताओं से कई सख्त सवाल पूछे। उन्होंने राज्यों में जारी गुटबाजी और पद को लेकर मारामारी पर एतराज जताया और साफ शब्दों में कहा कि नेताओं को अपनी जगह बनानी होगी, बैठे-बैठे कोई किसी पद के मिलने की लालसा न करे। मीटिंग में शामिल कुछ नेताओं ने बताया कि PM मोदी का यह तेवर बहुत दिनों बाद देखने को मिला। वह चुनाव से जुड़ी हर छोटी-बड़ी चीज को खुद बड़ी बारीकी से देख रहे हैं। एक मीटिंग में PM मोदी ने इस बात को लेकर भी सख्त एतराज जताया कि कुछ नेता जमीन तक सरकार और पार्टी का संदेश पहुंचाने में प्रभावी नहीं हो रहे हैं। इस बात को लेकर भी PM मोदी नाराज दिखे। एक सीनियर नेता से उन्होंने पूछा कि महिला आरक्षण मिलने के बाद उनके क्षेत्र में कितने कार्यक्रम हुए, तो नेताजी को इसकी कोई जानकारी ही नहीं थी। PM मोदी के तेवर देखकर पार्टी के कई मौजूदा सांसदों में बेचैनी घर कर गई है क्योंकि उनका नंबर विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद आना है। वहीं बात राज्यों में टिकट वितरण की करें तो इस बार टिकट किसे दिए जा रहे हैं, कई सीनियर नेताओं को इसकी कोई भनक तक नहीं लग पा रही।

आचार संहिता में ये बंदिशें लागू रहेंगी

नई सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की घोषणा नहीं हो सकेंगी
मंत्री-विधायक सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे
सरकारी योजनाओं के बैनर, पोस्टर्स, सरकारी वेबसाइट से मुख्यमंत्री,मंत्रियों व अन्य राजनेताओं के पोस्टर हटाए जाएंगे
किसी भी प्रोजेक्ट का शिलान्यास या उद्घाटन नहीं हो सकेगा


आचार संहिता का इन कामों पर असर नहीं

जो सरकारी योजना शुरू हो चुकी हैं, उनका लाभ मिलता रहेगा
सरकार कोई तबादला नहीं कर पाएगी, लेकिन चुनाव आयोग अफसरों के ट्रांसफर कर सकेगा
सीएम-मंत्री रूटीन काम ही कर सकेंगे
सरकारी दफ्तर में जनता से जुड़े सामान्य काम पहले जैसे ही चलते रहेंगे

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