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दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

[Edited By: Rajendra]

Monday, 30th October , 2023 01:57 pm

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। अदालत ने इस बात का निर्देश दिया है कि सिसोदिया के खिलाफ मुकदमे को 6 से 8 महीने के भीतर पूरा किया जाना चाहिए। कोर्ट ने ये भी कहा है कि अगर मुकदमे की प्रक्रिया धीमी रहती है, तो सिसोदिया तीन महीने के अंदर फिर से जमानत याचिका दायर करने के लिए हकदार होंगे। इससे पहले मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि कानूनी सवालों का जवाब सीमित तरीके से दिया गया है। विश्लेषण में सामने आया है कि मामले में कुछ ऐसे पहलू हैं, जो संदिग्ध हैं। कोर्ट ने कहा कि 336 करोड़ रुपये की मनी ट्रेल साबित हुई है।

सिसोदिया की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि हम बेल खारिज करते हैं। एजेंसी ने 6 से 8 महीने में ट्रायल के निपटारे की बात कही है। इसके साथ ही कोर्ट ने माना कि 338 करोड़ रुपए के ट्रांसफर के सबूत एजेंसी ने दिए हैं, जिसके बाद सिसोदिया को जमानत नहीं मिली। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के जरिए सिसोदिया के खिलाफ जांच किए जा रहे मामलों पर फैसला सुनाया है।

मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज होने के बाद बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने चुटकी लेते हुए कहा- ''मनीष सिसोदिया की बेल रिजेक्ट कर दी है। ये लोग शराब घोटाले और तरह-तरह के घोटाले में इतने लिप्त हो चुके हैं कि अब सुप्रीम कोर्ट भी इन्हें जमानत नहीं दे रहा है। आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से भी गिरफ्तारियां होगी। अरविंद केजरीवाल भी अब जेल जाने वाले हैं।''

उच्च न्यायालय ने 30 मई को सीबीआई मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि उपमुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री के पद पर रहने के नाते, वह एक 'प्रभावशाली' व्यक्ति हैं तथा वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। उच्च न्यायालय ने धनशोधन मामले में तीन जुलाई को उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ आरोप 'बहुत गंभीर प्रकृति' के हैं।

नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार की नई शराब नीति, जिसमें शराब की बिक्री के तरीकों में ज़बरदस्त बदलाव। जुलाई 2022 को गड़बड़ियों को लेकर दिल्ली के राज्यपाल की CBI जांच की सिफ़ारिश के बाद AAP सरकार ने आबकारी नीति वापस ली। अगस्त 2022 को गड़बड़ियों को लेकर CBI ने आपराधिक साज़िश और करप्शन के मामले में FIR दर्ज की। मनीष सिसोदिया और 14 अन्य लोगों को आरोपी बनाया। आरोपियों में AAP के संचार प्रभारी विजय नायर, हैदराबाद के कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली, शराब कारोबारी समीर महेंद्रु, एक्साइज विभाग के पूर्व अधिकारीकुलदीप सिंह और नरेंद्रसिंह और एम गौतम और अरुण रामचंद्रपिल्लई। नवंबर 2022 को CBI ने 7 लोगों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल की जिनमें बिचौलिए और शराब कारोबारी भी थे। दिसंबर 2022 को दिल्ली की अदालत ने सात लोगों के खिलाफ़ CBI की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए कहा कि इस मामले में आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त आधार पाए गए हैं। 8 फ़रवरी 2023 को तेलंगाना के मुख्यमंत्री की बेटी के कविता के पूर्व CA बुचीबाबू गोरंतला को CBI ने गिरफ़्तार किया। FIR में जिन लोगों के नाम थे, उनमें से कुछ के साथ बाबू ने मुलाकात की, दक्षिण की लॉबी के साथ बातचीत करने वालों में एक अहम नाम। 19 फ़रवरी 2023 को CBI ने मनीष सिसोदिया को समन किया लेकिन उन्होने बजट का हवाला देकर मजबूरी जताई। 26 फ़रवरी 2023 को CBI ने मनीष सिसोदिया को गिरफ़्तार किया।

ईडी का धन शोधन मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी पर आधारित है। सीबीआई और ईडी के अनुसार, दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।

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