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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अडाणी ग्रुप और बीजेपी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया

[Edited By: Rajendra]

Wednesday, 18th October , 2023 02:50 pm

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अडाणी ग्रुप पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि महंगी बिजली के पीछे अडाणी है। अडाणी ग्रुप ने 32 हजार करोड़ रुपये का घोटाला किया है। पीएम मोदी अडाणी ग्रुप को बचा रहे हैं। मध्यप्रदेश चुनाव से पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बड़ा दांव खेला है। उन्होंने राज्य में महंगी बिजली का जिम्मेदार उद्योगपति अडाणी को बताया है। उन्होंने कांग्रेस मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्योगपति अडाणी पर बड़ा निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि एमपी में महंगी बिजली के पीछे अडाणी का हाथ है। उन्होंने विदेशी अखबार का हवाला देते हुए कहा कि अडाणी ग्रुप ने 32 हजार रुपये का घोटाला किया है। अडाणी ने इस देश के गरीब का पैसा चुराया है। राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर पीएम मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अडाणी घोटाले कर रहे हैं और प्रधानमंत्री उन्हें बचा रहे हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि अडाणी के 32 हजार रुपये के घोटाले की वजह से बिजली महंगी हुई है। अडाणी ने गरीब की जेब से पैसा चुराया है। उन्होंने कहा, 'अडानी जी इंडोनेशिया में कोयला खरीदते है और उसका हिन्दुस्तान में रेट डबल हो जाता है। वो देश के सामने कोयले की कीमत को गलत दिखाते हैं। राहुल गांधी ने कहा, "पहले हमने 20 हजार करोड़ की बात की थी और सवाल पूछा था कि पैसा किसका है और कहां से आया है। अब पता चलता है कि 20 हजार करोड़ का आंकड़ा गलत था उसमें 12 हजार करोड़ और जुड़ गए हैं और कुल आंकड़ा 32 हजार करोड़ हो गया है। अडानी इंडोनेशिया में कोयला खरीदते हैं और जब तक वह हिंदुस्तान पहुंचता है उसके दाम दोगुना हो जाता है। ऐसे लगभग 12 हजार करोड़ रुपये अडानी ने हिंदुस्तान की जनता के जेब से निकाला है।

इन आरोपों में मोदी सरकार को घेरते हुए राहुल बोले- अडाणी में ऐसा क्या है जो सरकार उनकी जांच नहीं कराती है। उन्हें जो चाहिए होता है, वो मिल जाता है। उनके पीछे किसकी शक्ति है। राहुल ने अडाणी पर आरोप लगाते हुए एक न्यूज आर्टिकल भी दिखाया। कांग्रेस नेता ने आगे कहा- अडाणी इंडोनेशिया में कोयला खरीदते हैं और जब तक कोयला भारत आता है, तब तक इसकी कीमत दोगुनी हो जाती है। कोयले के दाम को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया। जिसके चलते भारत में बिजली महंगी हो गई। कर्नाटक में कांग्रेस ने बिजली सब्सिडी दी है। मध्यप्रदेश में देने जा रहे हैं। आपका बिजली का बिल जो बढ़ रहा है उसका पैसा सीधे आपकी जेब से अडाणी की जेब में जा रहा है। इस तरह से अडाणी जी ने करीब 12 हजार करोड़ रुपए सीधे हिंदुस्तान के नागरिकों की जेब से निकाला है।

राहुल ने जांच एजेंसी सेबी पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि सेबी ने सरकार को कहा- हमें डॉक्यूमेंट्स नहीं मिल रहे हैं। अजीब बात है फाइनेंशियल टाइम्स के पास प्रूफ है। जांच एजेंसी के पास नहीं। साफ पता चलता है बड़े पद पर बैठे लोगों से कहीं न कहीं संरक्षण मिला है। राहुल ने आगे कहा- भारत के प्रधानमंत्री की सहमति के बिना ऐसा नहीं हो सकता। इन सज्जन (अडाणी) के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? प्रधानमंत्री इस पर टिप्पणी क्यों नहीं करते?

राहुल गांधी ने भारतीय मीडिया से भी सवाल पूछते हुए कहा- रोचक बात है कि यह स्टोरी आती है, लेकिन हिंदुस्तान की मीडिया एक सवाल नहीं पूछती। बिजली का मामला है, गरीब का मामला है, चोरी का मामला है लेकिन इंडियन मीडिया को इसमें इंट्रेस्ट नहीं।

फाइनेंशियल टाइम्स में 12 अक्टूबर को इस विषय पर विस्तार से एक रिपोर्ट छापी गई है। 'The mystery of the Adani coal imports that quietly doubled in value' नाम के शीर्षक से लंदन से प्रकाशित इस रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि फाइनेंशियल टाइम्स द्वारा जांच किए गए कस्टम रिकॉर्ड्स से पता चलता है कि अडानी समूह जो भारत की अर्थव्यवस्था के बड़े हिस्से पर हावी है, ने बाजार मूल्य से काफी अधिक कीमत पर अरबों डॉलर का कोयला आयात किया है। जांच के अनुसार डेटा लंबे समय से लग रहे इन आरोपों का समर्थन करते हैं कि देश का सबसे बड़ा निजी कोयला आयातक अडानी ईंधन की लागत को बढ़ा हुआ दिखा रहा है और इसकी वजह से लाखों भारतीय उपभोक्ताओं और व्यवसायों को बिजली के लिए अधिक भुगतान करना पड़ रहा है।

एफटी के अनुसार रिकॉर्ड से पता चलता है कि पिछले दो वर्षों में, अडानी ने ताइवान, दुबई और सिंगापुर में ऑफशॉर मध्यस्थों के जरिए 5 अरब डॉलर मूल्य का कोयला आयात किया, जो कई बार बाजार मूल्य से दोगुने से भी अधिक था। इनमें से एक कंपनी का स्वामित्व एक ताइवानी व्यवसायी के पास है, जिसे हाल ही में एफटी द्वारा अडानी कंपनियों में एक बड़े छिपे हुए शेयरधारक के रूप में बताया गया था। जांच में यह भी कहती है कि उसने 2019 से 2021 के बीच अडानी की एक कंपनी द्वारा इंडोनेशिया से भारत मंगाए गए कोयले की 30 खेप से जुड़े दस्तावेजों का अध्ययन किया। फाइनेंशियल टाइम्स ने आरोप लगाया है कि इन सभी मामलों में आयात दस्तावेजों में दिखाए गए कोयले के दाम निर्यात दस्तावेजों में दर्ज कोयले के दामों से बहुत ज्यादा थे। इस पूरे लेन-देन के दौरान कोयले की कीमतें 70 मिलियन डॉलर से ज्यादा बढ़ गई थीं।

फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह की प्रतिक्रिया भी छापी है। फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार अडानी समूह इन सभी आरोपों से इनकार करता है। अडानी समूह ने कहा है कि एफटी की कहानी "पुराने, निराधार आरोप पर आधारित है, और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध तथ्यों और सूचनाओं का एक चालाकीपूर्ण पुनर्चक्रण और चयनात्मक गलत बयानी है। एफटी की रिपोर्ट के अनुसार ईंधन की लागत बढ़ाने का आरोप पहली बार सात साल पहले भारतीय वित्त मंत्रालय की आर्थिक अपराध की जांच करने वाली जांच इकाई, राजस्व खुफिया निदेशालय की जांच में लगाया गया था।

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