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किसानों के दरवाजें पर जाकर खरीदेगी योगी सरकार गेहूं

[Edited By: Vijay]

Saturday, 23rd April , 2022 05:13 pm

अन्नदाता को उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार अब जरा सा भी परेशानी नहीं देना चाहती है। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं खरीद में तेजी लाने के लिए अब सचल केन्द्रों के जरिये गांवों में जाकर किसानों से सीधे गेहूं खरीदने की योजना बना रही है। इस बारे में जल्द ही शासनादेश जारी होने की संभावना है।

उत्तर प्रदेश में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष एमएसपी पर गेहूं की खरीद काफी कम हुई है। इस वर्ष 20 अप्रैल तक प्रदेश में सरकारी क्रय केंद्रों पर 46,893 टन गेहूं ही खरीदा जा सका था जबकि पिछले साल इस समयावधि में 4.27 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। वजह यह है कि विभिन्न जिलों में गेहूं का बाजार भाव एमएसपी से ज्यादा है। एक बड़ी वजह यह है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कई देशों में गेहूं की आपूर्ति प्रभावित हुई है।

विश्व में गेहूं के कुल आयात में रूस और यूक्रेन की हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत है। जिन देशों को रूस और यूक्रेन गेहूं निर्यात करते थे, वहां गेहूं की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। लिहाजा निर्यातक इन देशों को निर्यात करने के लिए आढ़तियों और बड़े व्यापारियों से गेहूं खरीद रहे हैं। प्रदेश से खरीदा गया गेहूं बड़ी तादाद में गुजरात के कांडला और पश्चिम बंगाल के हल्दिया पोर्ट से दूसरे देशों को भेजा जा रहा है। प्रदेश में जहां एमएसपी और बाजार भाव में अंतर नहीं है या बहुत कम है, वहां भी बड़ी संख्या में किसान क्रय केंद्रों पर गेहूं लेकर जाने की बजाय घर बैठे व्यापारियों को बेचना पसंद कर रहे हैं। ऐसा कर वे गेहूं को लादकर क्रय केंद्र ले जाने के खर्च से बच रहे हैं।

एमएसपी पर गेहूं खरीद में आयी कमी का अंदाज इस बात से भी लगाया जा सकता है कि 20 अप्रैल तक प्रदेश में स्थापित किये गए 5377 क्रय केंद्रों में से 1819 पर ही खरीद हुई थी। शासन ने इस साल 60 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य तय किया है। पिछले दिनों समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एमएसपी पर गेहूं खरीद के लिए सारे प्रयास करने का निर्देश दिया था।

शासन स्तर पर मंथन हो रहा है कि सचल क्रय केंद्रों के माध्यम से गांवों में जाकर किसानों से उनके दरवाजे पर गेहूं खरीदा जाए। इसमें उन क्रय केंद्रों को लगाया जाएगा जिनमें गेहूं खरीद नहीं हुई है या न के बराबर हो रही है। ऐसे क्रय केंद्रों के प्रभारी ग्राम प्रधानों और उचित दर की दुकानों के विक्रेताओं से संपर्क कर यह पता करेंगे कि किस गांव के किसान एमएसपी पर गेहूं बेचने के इच्छुक हैं। जिस गांव के किसान एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए रजामंद होंगे, वहां क्रय केंद्र का वाहन पहुंचेगा। किसानों से गेहूं खरीदने के बाद उसे सीधे भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में पहुंचाया जाएगा।

 

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