पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में फंसीं TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने दावा किया है कि केंद्र सरकार उनका फोन और ईमेल हैक करने की कोशिश कर रही है। एक ट्वीट में महुआ ने लिखा कि देश के गृह मंत्रालय के पास और कोई काम नहीं है। अडाणी और प्रधानमंत्री कार्यालय के गुंडों, तुम्हारा डर देखकर मुझे तरस आता है। कांग्रेस नेता शशि थरूर, पवन खेड़ा, AAP सांसद राघव चड्ढा, शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और CPI(M) के जनरल सेक्रेटरी सीताराम येचुरी ने भी यही दावा किया है। इसके कुछ देर बाद राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि ये अलर्ट मेरे ऑफिस में सबको मिला है। कांग्रेस में लिस्ट बनी है। पवन खेड़ा, सुप्रिया, प्रियंका.. इनके साथ भी ऐसा हुआ है। सरकार चाहे तो मेरा फोन ले ले, मुझे फर्क नहीं पड़ता।
सबसे पहले महुआ ने एक ट्वीट में कुछ स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए कहा कि देश के गृह मंत्रालय के पास और कोई काम नहीं है। अडाणी और प्रधानमंत्री कार्यालय के गुंडों, तुम्हारा डर देखकर मुझे तरस आता है। महुआ ने आगे लिखा, 'प्रियंका- तुम्हें, मुझे और INDIA अलायंस के तीन अन्य नेताओं को ऐसे मैसेज आए हैं। इसके बाद महुआ ने एक और ट्वीट करके बताया कि अखिलेश यादव के पास भी ऐसा मैसेज आया है। वहीं, राहुल गांधी के ऑफिस के भी कई लोगों को ऐसे अलर्ट आया है। ये इमरजेंसी ये भी बुरा है। देश को ताक-झांक करने वाले लोग चला रहे हैं।
महुआ ने ट्वीट किया, 'मैंने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को आधिकारिक तौर पर पत्र लिखा है कि वे विपक्षी सांसदों की रक्षा करने का अपना राजधर्म का पालन करें। साथ ही गृह मंत्रालय के अधिकारियों को तुरंत ही बुलाकर इस बारे में पूछताछ करें। प्रिविलेज कमेटी को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। अश्विनी वैष्णव जी, ये असली सेंधमारी है, जिसकी आपको चिंता करनी चाहिए।'
महुआ के ट्वीट के कुछ देर बाद ही शशि थरूर ने भी कुछ स्क्रीनशॉट शेयर किए और लिखा कि ये स्क्रीनशॉट मुझे एक एपल ID से मिले हैं, जिसे मैंने वेरिफाई किया है। ये इमेल सही हैं। मुझे खुशी है कि कुछ खाली बैठे सरकारी मुलाजिम मेरे जैसे टैक्सपेयर्स की जासूसी में बिजी हैं। उनके पास करने के लिए कुछ और नहीं है। महुआ और शशि थरूर ने जो स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं, वे एपल ID पर आए अलर्ट मैसेज हैं। इनमें लिखा है कि एपल को लगता है स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर्स आपको अपना टारगेट बना रहे हैं। ये आपकी एपल ID से जुड़े आईफोन को रिमोट मोड पर लेकर उसमें सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस ईमेल का टाइटल है- 'अलर्ट- स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स आपके आईफोन को अटैक कर रहे हैं'। इसमें लिखा है कि ये अटैकर्स आपको शायद आपके पद और आपके काम की वजह से टारगेट कर रहे हैं। अगर आपकी डिवाइस किसी स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर ने कॉम्प्रोमाइज कर ली है तो हो सकता है कि वे आपकी निजी जानकारी, आपकी बातचीत, यहां तक कि आपका कैमरा और माइक्रोफोन भी रिमोट एक्सेस कर सकते हैं। मैसेज में ये भी लिखा गया कि हो सकता है ये एक फॉल्स अलार्म हो, लेकिन फिर भी इस वॉर्निंग को गंभीरता से लें।
अमित मालवीय ने कहा कि हमेशा संदिग्ध रहने वाले लोग ‘स्टेट स्पॉन्सर्ड’ अटैक का नाम लेकर हंगामा मचा रहे हैं और शहीद बनने का नाटक कर रहे हैं। ये जो चीख-पुकार मची हुई हे, मुझे अंदाजा है कि पिछले सारे आरोपों की तरह ये भी फुस्स निकलेगी। एपल की तरफ से सफाई से इंतजार क्यों नहीं करते?
पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सरकार पर लगाए जा रहे आरोप बिल्कुल बेबुनियाद और गलत हैं, इन नेताओं को एप्पल से सफाई मांगनी चाहिए कि यह किस तरह का मैसेज है और कंपनी के जवाब से असंतुष्ट होने पर एफआईआर करवानी चाहिए।
प्रसाद ने कहा कि इन नेताओं को एफआईआर करने से कौन रोक रहा है ? यह क्या मैसेज है और क्यों भेजा गया है, इसके बारे में तो एप्पल कंपनी ही सफाई दे सकती है ? उन्होंने कहा कि शशि थरूर तो स्वयं आईटी से जुड़ी स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं, वह इस मामले में एप्पल कंपनी से क्लेरिफिकेशन क्यों नहीं मांगते हैं ? प्रसाद ने आरोपों को राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों के समान बताते हुए कटाक्ष किया कि यह इस तरह का मामला लग रहा है जैसे राहुल गांधी ने देश भर में हल्ला मचाया था कि पेगासस से उनके फोन की जासूसी हो रही है लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अपना फोन जांच कमेटी को जांच के लिए देने को कहा तो उन्होंने नहीं दिया।
जासूसी विवाद के बीच ऐपल का भी बयान आ गया है। कंपनी ने कहा है कि वो हैकिंग के खतरे को लेकर चेतावनी की प्रक्रिया के बारे में नहीं बता सकता है क्योंकि इससे स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर्स सचेत हो जाएंगे। फिर उनकी हरकतों को पकड़ पाना मुश्किल हो जाएगा।
विपक्ष के नेताओं की तरफ से केंद्र सरकार के खिलाफ लगाए गए जासूसी करने के आरोपों पर मंगलवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि जब विपक्ष के पास मुद्दा नहीं होता तो यह जासूसी का आरोप लगाने लगते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष के आरोप निराधार हैं, लेकिन कुछ लोगों को आलोचना करने की आदत लग गई है। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि एपल ने ऐसे मैसेज अलर्ट्स को लेकर 150 देशों में इसे लेकर एडवायजरी जारी की है। हालांकि, सरकार की तरफ से इस मामले में जांच के आदेश दिए जा चुके हैं।