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विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A में कलह की खबरें

[Edited By: Rajendra]

Saturday, 13th January , 2024 12:33 pm

विपक्षी गठबंधन इंडी अलायंस की आज बैठक होने वाली है। इंडी गठबंधन की यह 5वीं बैठक हैं, जिसमें सीट शेयरिंग के फॉर्मूले और संयोजक के नाम पर चर्चा हो सकती है। हालांकि इस बैठक से ममता बनर्जी और उद्धव ठाकरे ने दूरी बना ली है।

लोकसभा चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है। इस बीच विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A में कलह की खबरें सामने आ रही हैं। यूपी से महाराष्ट्र तक और बिहार से बंगाल तक हो रही कलह के बीच आज इंडी गठबंधन की बैठक होने वाली है। इस बैठक पर पूरे देश की निगाहें टिकी हई हैं। दरअसल विपक्षी गठबंधन की यह पांचवी बैठक है जो कि वर्चुअल तरीके से की जा रही। इस बैठक का सबसे बड़ा एजेंडा है सीट शेयरिंग और गठबंधन का संयोजक कौन होगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस बैठक में जहां भाग ले रहे हैं वहीं दूसरी तरफ ममता बनर्जी ने इस बैठक से दूरी बना ली है।

बता दें कि केवल ममता बनर्जी ही नहीं उद्धव ठाकरे ने भी विपक्षी गठबंधन की इस बैठक से दूरी बना ली है। दरअसल सीट शेयरिंग को लेकर पेंच फंसा हुआ है। सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या विपक्षी गठबंधन टूटने वाला है। बंगाल में सीट शेयरिंग को लेकर जारी झगड़े की वजह से ममता बनर्जी नाराज है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि ममता बनर्जी विपक्षी गठबंधन से किनारा कर सकती हैं। वहीं ये भी सवाल उठने लगा है कि क्या नीतीश कुमार भाजपा के करीब जा रहे हैं। साथ ही यूपी में क्या कांग्रेस समाजवादी पार्टी का साथ नहीं देगी और बसपा के साथ जाएगी। इन सवालों पर कयासबाजी की जा रही है।

ऐसी खबरें भी सामने आ रही है कि बिहार में मोदी की रैली रद्द हो गई है। साथ ही ममता बनर्जी कांग्रेस से खासा नाराज हैं। इस कारण बंगाल में टीएमसी अलग प्लान बी पर काम कर रही है। इसी प्लान के तहत टीएमसी लेफ्ट से अलग बातचीत करने में जुटी हुई है। एक तरफ जहां महाराष्ट्र में गठबंधन पर कांग्रेस और उद्धव के बीच सहमति नहीं बन रही है। तो दूसरी तरफ बिहार में नीतीश कुमार और जदयू क्या करने वाली हैं इसकी कुछ जानकारी सामने नहीं आई है। अखिलेश यादव, जदयू के नेता व अन्य लोग नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर पेश करने की बात कर रहे हैं।

बैठक में विपक्षी गठबंधन का संयोजक नियुक्त करने पर भी चर्चा होगी। सूत्र बताते हैं कि जेडीयू नीतीश कुमार को संयोजक बनाना चाहती है जिसका टीएमसी विरोध कर रही है। वर्चुअल बैठक आयोजित करने का यह दूसरा प्रयास है क्योंकि कुछ दिन पहले किया गया ऐसा ही प्रयास सफल नहीं हो पाया था। तृणमूल सूत्रों ने कहा कि उन्हें बैठक की जानकारी काफी देर से मिली और ममता के कार्यक्रम पहले से तय थे। इसलिए वह बैठक में शामिल नहीं हो रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ये बैठक कुछ दिन पहले होनी थी, लेकिन किसी वजह से ऐन मौके पर रद्द हो गई थी।

ये पहला मौका नहीं है, जब ममता बनर्जी ने बैठक में आने से इनकार किया है। दिसंबर 2023 में भी ममता गठबंधन की बैठक में शामिल नहीं हुई थीं। तब उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने बैठक की जानकारी दो दिन पहले दी। ऐसे में मैं पहले से तय अपने कार्यक्रम रद्द नहीं कर सकतीं। ममता बनर्जी ने 28 दिसंबर को राज्य में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की। उत्तर 24 परगना में एक रैली के दौरान ममता ने कहा कि हमें BJP को सबक सिखाना है, किसी अन्य पार्टी को नहीं। बंगाल में TMC की सीधी टक्कर BJP से है। सीट शेयरिंग के मुद्दे पर सभी पार्टियों से खुले मन से बात की जाएगी।

बता दें कि विपक्षी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस यानी इंडिया गठबंधन की पहले भी कई बैठकें हो चुकी हैं। पटना, बेंगलुरु और मुंबई के बाद गठबंधन की बैठक दिल्ली में भी हो चुकी है। पहली मीटिंग बिहार के पटना में 23 जून को हुई थी। वहीं दूसरी मीटिंग बेंगलुरु में 17 और 18 जुलाई को हुई थी। तीसरी बैठक मुंबई में 31 और 1 सितंबर को हुई थी। चौथी बैठक दिसंबर में दिल्ली में हुई थी। इन बैठकों में पार्टियों को एक साथ लाने से लेकर सीट बंटवारे तक की चर्चा हो चुकी है। हालांकि राज्यवार सीट बंटवारा का मामला अभी फंसा हुआ है। माना जा रहा है कि इस बैठक में इस मुद्दे को सुलझाने का काम किया जाएगा।

उधर, शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने 29 दिसंबर को महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग पर कोई समझौता न करने के संकेत दिए थे। उन्होंने दावा किया कि शिवसेना महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी है। लोकसभा चुनाव में दादरा और नगर हवेली सहित 23 सीटों पर शिवसेना लड़ती रही है और वह मजबूती से लड़ेगी। दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल 17 दिसंबर को बठिंडा में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे। पंजाब के CM भगवंत मान भी वहां मौजूद थे। जनसभा के दौरान केजरीवाल ने लोगों से पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटें मांग लीं। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है और AAP चीफ के इस बयान से साफ है कि पंजाब में सीट शेयरिंग को लेकर AAP और कांग्रेस में टकराव देखने को मिल सकता है।

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने कांग्रेस से 6 सीटें मांगी थीं, लेकिन कांग्रेस 4 सीटें छोड़ने को राजी थी। अखिलेश का कहना था कि यदि मुझे यह पहले पता होता कि गठबंधन विधानसभा स्तर पर नहीं है तो कांग्रेस से कभी बात ही नहीं करता। अखिलेश ने कांग्रेस को चेतावनी भी दी थी कि UP में कांग्रेस के साथ वैसा ही व्यवहार किया जाएगा, जैसा हमारे साथ कांग्रेस मध्य प्रदेश में कर रही है।

I.N.D.I.A में शामिल पार्टियों के बीच सबसे बड़ा मुद्दा सीट बंटवारे का है। गठबंधन में शामिल ज्यादातर दल कांग्रेस पर ज्यादा सीटें छोड़ने का दबाव बना रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजनीतिक परिस्थितियों के चलते कांग्रेस करीब 310 सीटों पर लड़ सकती है और करीब 230 सीटें सहयोगियों के लिए छोड़ सकती है।

कांग्रेस और BJP के बीच गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, हरियाणा, असम, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल, अरुणाचल, चंडीगढ़ और गोवा में सीधी टक्कर है। यहां पर कांग्रेस को छोड़कर I.N.D.I.A के 25 दलों में से किसी का बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं है। इन राज्यों में 131 सीटें ऐसी हैं, जहां पर BJP 50% से ज्यादा वोटों से जीती है। यानी इन सीटों पर भी I.N.D.I.A के बजाय कांग्रेस को जोर लगाना होगा।

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