उत्तर-प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे सबके सामने है, एक बार फिर योगी आदित्यनाथ की सरकार बहुमत के साथ उत्तर-प्रदेश में सरकार बनाने में सफल हुई है। ऐसा काफी लम्बे समय के बाद हुआ है जब प्रदेश में सत्ता पक्ष अपनी सत्ता बचाने में सफल रही हो। अगर कानपुर की बात करे तो शहर की बिल्हौर, बिठूर, कल्यानपुर, महाराजपुर, घाटमपुर, छावनी, किदवई नगर, गोविन्द नगर, आर्य नगर, सीसामऊ विधानसभा सीट में से 7 सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है जबकि समाजवादी पार्टी को तीन सीटों पर जीत मिली है।
इन्ही सब के बीच अगर एक बार नजर डाले, एक समय की देश की सबसे बड़ी पार्टी यानि कोंग्रस की तो वो गहरे कुएं में जाती नज़र आ रही है। जहाँ से अब बहार आना किसी अजूबे से कम नहीं होगा। लम्बे समय से गिरते ग्राफ से जूझ रही कांग्रेस को पंजाब में बड़ा झटका लगा है, जहाँ कांग्रेस को आम आदमी पार्टी ने बुरी तरह से शिकस्त देते हुए सत्ता से उखाड़ फेका। और वहीं उत्तर-प्रदेश में भी अपने अस्तित्व के लिए जूझ रही कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कानपुर शहर में ऐसा दूसरी बार हुआ जब कांग्रेस 10 में से एक भी सीट नहीं जीत पाई। वर्ष 1977 में जनता पार्टी की लहर कांग्रेस ने शहर से एक भी सीट नहीं जीती थी। वहीं 2017 में कांग्रेस ने कैंट सीट जीती थी। लेकिन इस बार उसे भी गवां दिया। कांग्रेस के 9 प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा सके। वहीं लड़की हूं लड़ सकती हूं कैंपेन भी पूरी तरह फ्लॉप साबित हुआ।
खुशी दुबे की बहन नेहा तिवारी को मिले 2302 वोट, नेहा तिवारी की भी जमानत जब्त हुई। लड़की हूं लड़ सकती हूं कैंपेन के तहत कांग्रेस ने कानपुर में कल्याणपुर सीट पर खुशी दुबे की बहन नेहा तिवारी और गोविंद नगर सीट पर करिश्मा ठाकुर को टिकट दी थी। ये दोनों ही अपनी जमानत नहीं बचा सकी। नेहा तिवारी को महज 2302 और करिश्मा ठाकुर 26267 वोट पाकर भी जमानत नहीं बचा सकी।
कांग्रेस ने गोविंद नगर सीट पर भाजपा प्रत्याशी महेश त्रिवेदी को कड़ी टक्कर दी। वोटों के उतार-चढ़ाव के बाद आखिर में अजय कपूर को दोबारा हार का सामना करना पड़ा। वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी के रोड शो और जनसभाएं भी कांग्रेस के पक्ष में वोट करने को लेकर नहीं रिझा सके। वहीं टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी के लोग ही काफी नाराज थे। इसी के चलते कांग्रेस के जिलाध्यक्ष शैलेंद्र दीक्षित ने चुनाव से पहले ही इस्तीफा देकर भाजपा में चले गए थे।कांग्रेस का केवल एक प्रत्याशी अजय कपूर अपनी जमानत बचा सके। बाकी अन्य सभी कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है।