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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट बेहद सुरक्षित ,नही कर पायेगा कोई हैक

[Edited By: Vijay]

Tuesday, 15th June , 2021 11:47 am

अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण की प्रगति के साथ ही अन्य पहलुओं पर विचार करने के लिए निर्माण समिति की दो दिन की बैठक में तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट को भी बेहद सुरक्षित करने पर विचार किया गया। निर्माण समिति के अध्यक्ष पूर्व आइएएस अधिकारी नृपेंद्र सिंह ने लगातार दो दिन रामजन्मभूमि परिसर के साथ ही सर्किट हाउस में ट्रस्ट के अन्य सदस्यों तथा निर्माण एजेंसियों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। रविवार को बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी की मौजूद थे।

                                              

           

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट काफी मशक्कत के बाद नींव की संरचना तय होने और नींव की भराई का काम आगे बढऩे के साथ अपनी सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने की तैयारी में लगा है। राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक के दूसरे दिन इस पर विचार हुआ। बैठक के पहले दिन जहां मंदिर निर्माण की अद्यतन समीक्षा, मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण अभियान की समीक्षा और भावी निर्माण की रूपरेखा पर विचार किया गया, वहीं दूसरे दिन ट्रस्ट के कामकाज में बढ़ते डिजिटाइजेशन की वजह से इसकी सुरक्षा को अभेद्य बनाने के विकल्पों पर भी विचार किया गया। इस क्रम में ट्रस्ट के ट्रेडमार्क के पंजीकरण, सामग्री कापीराइट के साथ नकली वेबसाइट की पहचान के लिए साफ्टवेयर बनाए जाने की योजना पर भी मंथन किया गया। साफ्टवेयर तैयार होने के बाद नकली वेबसाइट और उसे डिजाइन करने वालों की पहचान भी सुनिश्चित हो सकेगी। इसके साथ ही हैकर्स की भी आसानी से पहचान हो सके। ट्रस्ट अब डाटा सुरक्षा, वेबसाइट, अन्य आइटी से संबंधित सुविधाओं और आय- व्यय की आडिट कराने के लिए अधिक कुशल और प्रामाणिक एजेंसी की भी सेवा लेगा।

बैठक में समग्र अयोध्या के विकास की योजनाओं पर भी मंथन किया गया। बैठक में मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय, ट्रस्टी अयोध्या राजपरिवार के मुखिया बिमलेंद्रमोहन मिश्र, डा. अनिल मिश्र आदि सहित मंदिर निर्माण से जुड़े इंजीनियर्स एवं अयोध्या के विकास के लिए विजन डाक्यूमेंट तैयार कर रहे विशेषज्ञ मौजूद रहे

ट्रस्ट के तहत ही एक कार्यकारी निकाय का गठन किए जाने की संभावना पर भी विचार किया गया। यह निकाय मंदिर निर्माण के बजाय ट्रस्ट की अवस्थापना और उसके क्रियाकलापों की वैधानिकता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का काम करेगा। मंदिर निर्माण का काम आगे बढऩे के साथ ट्रस्ट के कार्यालय, वाहन, पदाधिकारियों एवं सदस्यों की व्यवस्था का कार्य भी व्यापक होता जा रहा है। इस व्यवस्था में कोई गड़बड़ी न होने पाए, ट्रस्ट का यह विशेष निकाय इसकी जिम्मेदारी संभालेगा।

 

 

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