मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा है कि उप्र सरकार ने पिछले साढ़े चार वर्षों में लगभग 80 लाख सूक्ष्म, लघु व मध्यम दर्जे की औद्योगिक इकाइयों को ऋण उपलब्ध कराते हुए 1.50 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गए हैं। वह नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 'भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला-2021' में रविवार को उत्तर प्रदेश मंडप (हाल नंबर-2) का उद्घाटन कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु व मध्यम दर्जे की औद्योगिक इकाइयों (एमएसएमई) की स्थापना की दृष्टि से उप्र देश में पहले स्थान पर है। प्रदेश में कुल 89.99 लाख इकाईयां पंजीकृत हैं, जो देश की कुल पंजीकृत इकाइयों का 14.20 प्रतिशत है।
प्रदेश सरकार द्वारा एमएसएमई क्षेत्र को बैंकों के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा कर्ज दिलाने के लिए आनलाइन ऋण मेले आयोजित कर रही है। जहां वर्ष 2016-17 में एमएसएमई को 28,136 करोड़ रुपये बतौर कर्ज बांटा गया था, वहीं वर्ष 2020-21 में 73,765 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया जो पिछले साढ़े चार वर्षों में ढाई गुना से अधिक वृद्धि दर्शाता है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 34,80,596 नई एमएसएमई इकाइयों को ऋण वितरित कराकर लगभग 63 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया गया है। वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक प्रदेश के निर्यात में 35 प्रतिशत वृद्धि हुई। सरकार के प्रयासों से प्रदेश के निवेश वातावरण में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उप्र 'ईज ऑफ डुइंग बिजनेस रैंकिग में दूसरे स्थान पर है। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल व अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा है कि उप्र सरकार ने पिछले साढ़े चार वर्षों में लगभग 80 लाख सूक्ष्म लघु व मध्यम दर्जे की औद्योगिक इकाइयों को ऋण उपलब्ध कराते हुए 1.50 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गए हैं।