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राज्यसभा से निलंबित सांसदों का धरना खत्म, अब मॉनसून सत्र का बहिष्कार करेगा पूरा विपक्ष

[Edited By: Rajendra]

Tuesday, 22nd September , 2020 01:45 pm

कृषि बिल को लेकर संसद में हुए हंगामे के बाद 8 सांसदों को निलंबित कर दिया गया जिसके बाद मंगलावर को शुरू हुई संसद से विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि निलंबित सदस्यों का निलंबन जल्दी रद्द किया जाए।

आजाद ने कहा कि जब तक उच्च सदन के सभी 8 सदस्यों का निलंबन वापस नहीं लिया जाएगा तब तक विपक्ष कार्यवाही का बहिष्कार करता रहेगा।

इतना ही नहीं, शून्यकाल के बाद आज़ाद ने संसद में मांग करते हुए कहा कि सरकार को एक ऐसा बिल लाना चाहिए जो यह तय करे कि प्राइवेट कंपनियां सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम में किसानों का अनाज न खरीद पाएं।

कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों द्वारा मंगलवार को मौजूदा मानसून सत्र की शेष अवधि में राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करने का फैसला किए जाने के बाद निलंबित सांसदों ने संसद भवन परिसर में अपना धरना खत्म कर दिया।

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और निलंबित सांसदों में शामिल राजीव सातव ने कहा, ''विपक्ष इस सत्र में उच्च सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेगा। ऐसे में हमने धरना खत्म कर दिया है। अब हम सड़क पर आंदोलन करेंगे।'' इससे पहले, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक उच्च सदन के आठ सदस्यों का, मानसून सत्र की शेष अवधि से निलंबन वापस नहीं लिया जाता तब तक विपक्ष कार्यवाही का बहिष्कार करेगा।

गुलाम नबी आजाद ने इसके लिए सरकार को स्वामीनाथन फार्मूले का जिक्र करते हुए कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य समय समय पर तय करते रहना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि लगता है कि सरकार के अंदर तालमेल गड़बड़ है। एक दिन पहले ही कृषि बिलों पर पूरी चर्चा एमएसपी पर होती रही और फिर अगले ही दिन सरकार ने कई फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा भी कर दी।

ज्ञात है कि कृषि बिलों को लेकर सदन में अमर्यादित आचरण करने को लेकर आप के संजय सिंह और तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन सहित विपक्ष के 6 सदस्यों को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था।

संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कल के हंगामे में असंसदीय आचरण को लेकर विपक्ष के आठ सदस्यों को मौजूदा सत्र के शेष समय के लिए निलंबित किए जाने का प्रस्ताव पेश किया। इसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी। निलंबित किए गए सदस्यों में कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, तृणमूल के ब्रायन और डोला सेन, माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम व आप के संजय सिंह शामिल हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनसीपी के नेता शरद पवार ने राज्यसभा के सांसदों के धरने का समर्थन किया है. पवार ने कहा कि वह खुद उपवास करेंगे. उन्होंने कहा कि सदन में विरोधियों की आवाज नही सुनी गई. केंद्र सरकार ने जल्दी से ये विधेयक मंजूर किया. विरोधी पार्टी के लोगों के मन में शंका थी लेकिन उसका समाधान नहीं हुआ. जब नियम में रहकर समाधान नहीं हुआ तो कुछ लोगों ने ऐसा कदम उठाया.

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