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हाथरस कांड पर सड़कों पर उतरे सपा कार्यकर्ता, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

[Edited By: Rajendra]

Friday, 2nd October , 2020 02:07 pm

प्रदेश में हाथरस प्रकरण को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। इसे लेकर गांधी जयन्ती के मौके पर शुक्रवार को राजधानी में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन व नारेबाजी की, पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण के लिए लाठीचार्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया।

सपा ने गुरुवार को भी प्रदर्शन किया था और कार्यकताओं पर लाठीचार्ज की निन्दा की थी। उन्होंने कहा कि हाथरस कांड में जिस तरह भाजपा सरकार ने अपने कुछ लोगों को बचाने के लिए मेडिकल करवाने में देरी करी व एफआईआर भी टाली, उससे देशभर के बहन-बेटी वाले परिवार आक्रोशित हैं। सरकार अपने प्रवक्ताओं व व्हाट्सअप मेसेजों से अपना बचाव करने के बजाय सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से इसकी जांच करवाए। हाथरस में पीड़ित के गांव जाने पर प्रशासन द्वारा एक तरफा पाबंदी लग गई है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सपा का एक प्रतिनिधिमण्डल पीड़ित के परिवारीजनों से मिलने और उन्हें सांत्वना देने उसके गांव बूलगढ़ी थाना चंदपा जा रहा था, उसको पुलिस ने बल पूर्वक रोक दिया। कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया गया और समाजवादी नेताओं को चंदपा थाने में गिरफ्तार कर ले जाया गया। बस से जब उन्हें थाने ले जाया जा रहा था तब बस पर पत्थरबाजी करायी गयी। प्रशासन निम्नस्तर पर उतर आया है।अखिलेश ने कहा कि पीड़ित के पक्ष में कैंडल मार्च निकाल रही महिलाओं के साथ भी पुलिस का रवैया उत्पीड़नकारी रहा।

पार्टी कार्यालय से गांधी प्रतिमा तक पैदल मार्च निकालने के दौरान उन्हें रास्ते में बैरिकेडिंग लगाकर रोका गया। मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई। राजभवन की ओर जाने वाली सड़क भी बंद करा दी गई। रास्ते में रोके जाने के दौरान सपा कार्यकर्ता जबरन आगे बढ़ने लगे तो पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण के लिए उन पर लाठीचार्ज किया। कुछ कार्यकर्ता गांधी प्रतिमा पर धरना दे रहे थे तो उनका भी हटाये जाने के दौरान पुलिस ने संघर्ष हुआ।

वहीं हजरतगंज में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया और ले जाने लगी। अपना विरोध दर्ज कराते हुए सपा कार्यकर्ता फिर सड़कों पर आ गए और नारेबाजी की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया। इस दौरान सपा नेताओं कहा कि प्रदेश में जंगलराज है। कानून-व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है। योगी आदित्यनाथ से राज्य नहीं संभल रहा है उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।

पार्टी की ओर से कहा गया कि लखनऊ में गांधी जयंती के अवसर पर हाथरस में हैवानियत का शिकार हुई बेटी एवं भाजपा सरकार के अत्याचार, किसान विरोधी बिल के खिलाफ लखनऊ में पार्टी कार्यालय से गांधी प्रतिमा तक शांतिपूर्ण पैदल मार्च निकाल रहे सपा विधायकों को मुख्यमंत्री के आदेश पर पुलिस द्वारा रोकना लोकतंत्र की हत्या है।

 

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