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कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दिया

[Edited By: Rajendra]

Friday, 26th August , 2022 12:41 pm

कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने आज पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। वह लंबे से समय से पार्टी ने नाराज बताए जा रहे हैं। कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा था। कुछ दिन पहले ही आजाद ने कश्मीर में पार्टी के प्रचार समिति से इस्तीफा दे दिया था। सोनिया गांधी को संबोधित अपने इस्तीफे में आजाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। आजाद ने अपने पत्र में राहुल गांधी को जमकर कोसा है। गुलाम नबी आजाद कांग्रेस का बड़ा चेहरा माने जाते रहे हैं। पूर्व में वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे हैं।

गुलाम नबी आजाद पिछले काफी वक्त से पार्टी से नाराज चल रहे थे। कांग्रेस के बागी गुट जी-23 के अहम सदस्य आजाद ने सोनिया गांधी को कांग्रेस में बदलाव को लेकर एक चिट्ठी भी लिखी थी। इस चिट्ठी के बाद काफी बवाल मचा था।

आजाद ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में कांग्रेस से जुड़ने का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि छात्र जीवन में महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सुभाष चंद्र बोस और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों से प्रभावित हुआ था। उन्होंने लिखा है कि 1975-76 में संजय गांधी के आग्रह पर जम्मू-कश्मीर युवा कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभाला था। आजाद ने लिखा है कि उन्होंने बिना किसी स्वार्थ भाव के दशकों तक पार्टी की सेवा की है।

सोनिया गांधी को लिखे इस्तीफे में गुलाम नबी आजाद ने लिखा, ''इसलिए बड़े खेद और बेहद भावुक हृदय के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा शताब्दी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है।''

आजाद ने सोनिया को लिखी चिट्ठी में कहा कि आपके नेतृत्व में पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर रही थी। लेकिन दुर्भाग्य से जब से पार्टी में राहुल गांधी की एंट्री हुई, खासतौर पर 2013 के बाद जब आपने राहुल को उपाध्यक्ष नियुक्त किया, तब से उन्होंने पार्टी में बातचीत का पूरा खाका ही ध्वस्त कर दिया। उन्होंने आगे लिखा है कि सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं साइडलाइन कर दिया गया। अनुभवहीन नेता पार्टी के मामले देखने लगे।

गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफा पत्र में लिखा, ''2019 के चुनाव के बाद से पार्टी में हालात खराब हुए हैं. विस्तारित कार्य समिति की बैठक में पार्टी के लिए जीवन देने वाले सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों का अपमान करने से पहले राहुल गांधी के हड़बड़ाहट में पद छोड़ने के बाद, आपने अंतरिम अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया. एक पद जिस पर आप आज भी पिछले तीन वर्षों से काबिज हैं। इससे भी बुरी बात यह है कि यूपीए सरकार की संस्थागत अखंडता को ध्वस्त करने वाला रिमोट कंट्रोल मॉडल अब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में लागू हो गया था जबकि आप केवल एक मामूली व्यक्ति हैं, सभी महत्वपूर्ण निर्णय राहुल गांधी द्वारा लिए जा रहे थे या इससे भी बदतर उनके सुरक्षा गार्ड और पीएम फैसले ले रहे थे।''

गुलाम नबी आजाद पिछले काफी समय से पार्टी ने नाराज चल रहे थे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कुछ दिन पहले जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को केंद्र शासित प्रदेश में पार्टी की प्रचार समिति का प्रमुख नियुक्त किया था, लेकिन आजाद ने इस प्रस्ताव को ठुकराते हुए इस्तीफा दे दिया था। गौरतलब है कि आजाद को राज्यसभा से रिटायर होने के बाद दोबारा उच्च सदन में नहीं भेजा गया था।

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