इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में कट्टरता फैलाने के आरोपी आईएएस इफ्तिखारुद्दीन के खिलाफ एसआईटी जांच पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि धर्म के आधार पर आईएएस इफ्तिखारुद्दीन उत्पीड़न किया जा रहा है। एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया, "उत्तर प्रदेश सरकार ने सीनियर IAS इफ्तिखारुद्दीन के 6 साल पुराने वीडियो की जांच करने के लिए SIT का गठन किया। वीडियो उस समय का है जब यह सरकार सत्ता में भी नहीं थी। यह धर्म के आधार पर साफ तौर से उत्पीड़न का मामला है।"
Uttar Pradesh govt set up an SIT to ‘investigate’ a 6 year old video of senior IAS Iftekhar sb. The video has been taken out of context & is from a time when this govt wasn’t even in power. This is blatant targeted harassment based on religion 1/2
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 29, 2021
असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर किसी भी अधिकारी को धार्मिक गतिविधि से दूर रहना चाहिए तो कार्यालयों में सभी धार्मिक प्रतीकों के इस्तेमाल पर रोक लगा दीजिएऔर अगर घर में आस्था की चर्चा करना अपराध है तो सार्वजनिक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान भाग लेने वाले किसी भी अधिकारी को इसी प्रकार से दंडित किया जाए।
एक वीडियो सामने आया सोमवार को जिसमे धर्मांतरण को लेकर सीनियर आईएएस इफ्तिखारुद्दीन अपने सरकारी आवास में एक धर्मगुरु के साथ इस्लाम धर्म अपनाने के लाभ बताते हुए दिखा। कई मनगढ़ंत कहानियां बताते हुए, कुछ लोगों को इस्लाम धर्म अपनाने के फायदे गिना रहे हैं। वीडियो में जमीन पर बैठे दिखे आईएएस, इस्लामिक वक्ता ने सुनाई कहानी साथ ही प्रवक्ता ने कहा कि इस्लाम में बहन-बेटियों को जलाया नहीं जाता। अल्लाह ने हमें उत्तर प्रदेश के तौर पर ऐसा सेंटर दिया है, जहां से पूरे देश और दुनिया में काम कर सकते हैं। आईएएस इफ्तिखारुद्दीन वहां लोगों को इस्लामिक कट्टरता का पाठ पढ़ाते हुए कहा "ऐलान करो दुनिया के इंसानों से कि अल्लाह की बादशाहत और निजामियत पूरी दुनिया में कायम करनी है"।