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पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी चुनाव की तारीखों का ऐलान, यहां जानिए पूरा शेड्यूल

[Edited By: Punit tiwari]

Friday, 26th February , 2021 06:11 pm

नई दिल्ली-केरल समेत 4 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा हो गई है। त्योहारों और बोर्ड परीक्षा को ध्यान में रखकर चुनाव आयोग ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनावों की तारीखों का ऐलान किया है। केरल में चुनाव कराने के लिए दीपक मिश्रा पर्यवक्षक बनाया गया है। केरल में वोटिंग के लिए 40 हजार से ज्यादा पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। सभी राज्यों में चुनाव आचार संहिता लागू हो गया है। इस दौरान चुनाव आयोग के चीफ सुनील अरोड़ा ने मेडिकल स्टाफ समेत सभी कोरोना वॉरियर्स को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि कोरोना को ध्यान में रखकर इस साल 5 राज्यों में चुनाव होगा।

पोलिंग बूथ पर मास्क और सेनिटाइजर का इंतजाम रहेगा। त्योहार और परीक्षा के दिन वोटिंग की तारीख नहीं रखी गई है। चुनाव खर्च 10 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि मतदान का समय इस बार एक घंटे के लिए बढ़ा दिया गया है। इसके साथ-साथ सुनील अरोड़ा ने बताया कि कोरोना के दिशा निर्देशों का पूरी तरह से पालन करना होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि पांच प्रदेशों की 824 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है। कुल 18.68 करोड़ वोटर्स 2.7 लाख पोलिंग बूथ्स पर वोट डालेंगे। 5 प्रदेशों की 824 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा। पुडुचेरी में 1559 पोलिंग स्टेशन होंगे। इसके साथ ही चुनाव के लिए पांचों राज्यों में केंद्रीय बलों (पैरामिलिट्री फोर्स) की तैनाती होगी। चुनाव आयोग ने बताया कि पुडुचेरी में 22 लाख (प्रति सीट), बाकी चार राज्यों में प्रति सीट पर उम्मीदवार 30 लाख रुपये का खर्च कर सकता है। सुनील अरोड़ा ने बताया कि यह उनकी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस है। क्योंकि आने वाले दिनों में उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है।

पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में मतदान

पहला चरण – 27 मार्च, 30 सीट
दूसरा चरण – 1 अप्रैल, 20 सीट
तीसरा चरण – 6 अप्रैल, 31 सीट
चौथा चरण – 10 अप्रैल, 44 सीट
5वां चरण – 17 अप्रैल, 45 सीट
छठा चरण – 22 अप्रैल, 43 सीट
7वां चरण – 26 अप्रैल, 36 सीट
8वां चरण – 29 अप्रैल, 25 सीट
वोटों की गिनती – 2 मई

पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने 211, कांग्रेस लेफ्ट ने 76, बीजेपी ने तीन और अन्य ने दो सीटें जीती थी। इस बार के चुनाव में बीजेपी सत्तारूढ़ टीएमसी को कड़ा मुकाबला दे रही है। वहीं कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है। 2011 के विधानसभा चुनाव में वाम दलों के गढ़ में ममता बनर्जी ने पहली बार बड़ी सेंध लगाई थी। 34 साल तक सत्ता में रहे वामदलों के गठबंधन को हराकर टीएमसी ने कुल 294 सीटों में से 194 सीटें हासिल की। 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी और मजबूत हुई और पार्टी ने 211 सीटों पर जीत दर्ज की। बंगाल में किसी भी दल या गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 148 सीटों की जरूरत होती है। चुनाव आयोग ने कहा कि कोरोना काल में चुनाव कराना चुनौतीपूर्ण है। लेकिन आयोग ने बिहार चुनाव को जिस शानदार अंदाज में संपन्न कराया उसकी देश और दुनिया में तारीफ हुई है। चुनाव आयोग का कहना है कि बंगाल में चुनाव कराना चुनौतीपूर्ण है। लेकिन मतदाता बिना किसी डर और भय के मतदान प्रक्रिया में शामिल हो सकें इसके लिए चुनाव आयोग प्रतिबद्ध है।

असम में 3 चरणों में होगा चुनाव

असम में 3 चरण में चुनाव होंगे। असम में 27 मार्च को पहले चरण की वोटिंग होगी। 2 मई को नतीजे आएंगे। अब असम में आचार संहिता लागू हो जायेगी, कोई नयी सरकारी घोषणा नहीं होगी।

पहला चरण: अधिसूचना 2 मार्च, 47 विधानसभा सीट, नामांकन दाखिल 9 मार्च, जांच 10 मार्च, नाम वापस 12 मार्च, वोटिंग 27 मार्च, 2 मई को परिणाम।
दूसरा चरण: 39 सीट, 5 मार्च अधिसूचना, 12 मार्च नामांकन, 17 मार्च वापस, मतदान 1 अप्रैल।
तीसरा चरण: 47 सीट, 12 मार्च अधिसूचना, 19 मार्च नामांकन, जांच 20 मार्च, 22 नाम वापस, मतदान 6 अप्रैल।

असम में अभी भाजपा की सरकार है। राज्‍य में कुल 126 विधानसभा सीटें हैं। इसमें सत्तारूढ़ भाजपा के पास 60 विधायक हैं। 126 सीटों वाले राज्य में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है। वहीं कांग्रेस के पास 26 सीटे हैं। वर्तमान में राज्य का कार्यभार मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल संभाल रहे हैं। असम विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो रहा है। असम में इस बार चुनाव में नागरिकता कानून और एनआरसी जैसे मुद्दे छाए रहने वाले हैं। बता दें कि कांग्रेस राज्य की 97 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है और बाकी सीटें कांग्रेस अपनी सहयोगी पार्टियों के लिए छोड़ सकती है। कांग्रेस ने पांच अन्य पार्टियों के साथ महागठबंधन किया है। इनमें ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF), सीपीआई, सीपीआई (एमएल) और आंचलिक गंगा मोर्चा शामिल हैं।

केरल में एक चरण में होगा चुनाव

केरल के 141 सीटों पर चुनाव होंगे। इस राज्य में एक चरण में वोटिंग होगी। चुनाव आयोग के अनुसार, केरल की सभी विधानसभा सीटों पर 06 अप्रैल को वोटिंग होगी। 2 मई को चुनाव के नजीते आएंगे। केरल की 141 सीटें में से 140 निर्वाचित और 1 सीट नामित होती है। वर्तमान में इस राज्य में पिनराई विजयन के नेतृत्व में लेफ्ट की सरकार है। केरल में जहां सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) के पास 91 विधायक हैं तो वहीं यूनाइडेट डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) के पास 43, एनडीए (NDA) के पास एक और केरल जनपक्षम सेक्युलर (केजेएस) के पास एक सीट है। इसके अलावा ही 4 सीटें रिक्त हैं। केरल में 30 प्रतिशत मुस्लिम हैं तो 20 प्रतिशत ईसाई हैं। दोनों धर्मों के 50 प्रतिशत वोट बैंक मिलकर राज्य की सियासत का रुख तय करते हैं। ई. श्रीधरन को 'मेट्रोमैन' के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने न केवल केरल में, बल्कि अपने काम के लिए देशभर में लोकप्रियता पाई और उन्होंने राजनीतिक लाइनों से परे सम्मान हासिल किया। अब 'मेट्रोमैन' श्रीधरन सियासी पारी खेलने के लिए मैदान में उतर गए हैं। उन्होंने औपचारिक रूप से बीजेपी का दामन थाम लिया है। केरल बीजेपी प्रमुख के। सुरेन्द्रन ने श्रीधरन का माला पहनाकर स्वागत किया।

तमिलनाडु में चुनाव
तमिलनाडु में भी विधानसभा चुनाव एक चरण में संपन्न होगा। मतदान 6 अप्रैल को होंगे; मतगणना 2 मई को होगी
पुडुचेरी में चुनाव
पुडुचेरी में एक चरण में मतदान होगा। यहां 6 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे और चुनाव के नतीजे 2 मई को आएंगे। पुडुचेरी की 30 सीटों पर चुनाव होना है। राज्य में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है, क्योंकि वहां की कांग्रेस सरकार अपना बहुमत साबित नहीं कर पाई थी। इससे पहले यहां वी नारायणसामी के नेतृत्व में कांग्रेस और डीएमके गठबंधन की सरकार थी।

चुनाव में इस बार क्या नया होगा?
चुनाव प्रचार के दौरान रोड शो में सिर्फ 5 गाड़ियों को ही इजाजत होगी।
इस बार नामांकन की ऑनलाइन सुविधा भी होगी
घर-घर जाकर चुनाव प्रचार में सिर्फ 5 लोगों को इजाजत
नामांकन के समय सिर्फ दो लोगों को ही इजाजत होगी
इस बार एक घंटे के लिए बढ़ा दिया गया है मतदान का समय
पोलिंग बूथ पर मास्क और सेनिटाइजर का होगा इंतजाम
80 साल से ऊपर के लोगों को बूथ तक ले जाने के लिए गाड़ियों का होगा इंतजाम
बिहार चुनाव से 10 फीसदी बढ़ाया गया चुनाव का खर्च

सुरक्षा को लेकर तैयारियां तेज
सभी राज्यों में चुनाव आयोग के अलावा राजनीतिक दलों ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं। अधिकारियों ने हाल ही में बताया था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) की कुल 250 कंपनी तैनात करने का निर्देश दिया है। अधिकारी ने कहा कि लगभग 75 कंपनी अतिरिक्त रूप से तैयार रखी गई हैं और उनकी जरूरत महसूस होने पर उन्हें चुनाव ड्यूटी में लगाया जाएगा।

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