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पीएम मोदी ने 100वीं किसान रेल को दिखाई हरी झंडी, महाराष्ट्र से बंगाल तक चलेगी

[Edited By: Rajendra]

Monday, 28th December , 2020 06:03 pm

किसानों के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए आज पीएम मोदी ने 100वीं किसान रेल को हरी झंडी दिखा दी है. यह ट्रेन महाराष्ट्र के संगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार तक के लिए चलाई जा रही है. इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसान रेल सेवा, देश के किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में भी एक बहुत बड़ा कदम है. इससे खेती से जुड़ी अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा. इससे देश की कोल्ड सप्लाई चेन की ताकत भी बढ़ेगी. किसान रेल से देश के 80 प्रतिशत से अधिक छोटे सीमांत किसानों को बहुत बड़ी शक्ति मिली है. इसमें किसानों के लिए कोई न्यूनतम मात्रा तय नहीं है. कोई किसान 50-100 किलो का पार्सल भी भेज सकता है.

पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार भण्डारण की आधुनिक व्यवस्थाओं पर, सप्लाई चैन के आधुनिकीकरण पर करोड़ों का निवेश तो कर ही रही है. साथ ही किसान रेल जैसी नई पहल भी की जा रही है.छोटे किसानों को कम खर्च में बड़े बाजार देने के लिए हमारी नीयत भी साफ ही नीति भी स्पष्ट है. हमने बजट में ही इसकी महत्वपूर्ण घोषणा कर दी थी, पहली किसान रेल दूसरी कृषि उड़ान.

 

उन्होंने आगे कहा कि पूर्वोत्तर के किसानों को कृषि उड़ान का लाभ मिलना शुरु हो गया है. ऐसी ही पुख्ता तैयारियों के बाद ऐतिहासिक कृषि सुधारों की तरफ हम बढ़े. पीएम ने आगे कहा कि किसान रेल चलता फिरता कोल्ड स्टोरेज भी है. यानि इसमें फल हो, सब्ज़ी हो, दूध हो, मछली हो, यानि जो भी जल्दी खराब होने वाली चीजें हैं, वो पूरी सुरक्षा के साथ एक जगह से दूसरी जगह पहुंच रही हैं.

पीएम ने आगे कहा कि कि जहां तक भाड़े की बात है, इस रूट पर रेल का माल भाड़ा, ट्रक के मुकाबले 1,700 रुपये कम है. किसान रेल में सरकार 50 प्रतिशत छूट भी दे रही है. इसका भी किसानों को लाभ मिल रहा है.

देश के प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि किसान रेल जैसी सुविधाएं मिलने से कैश क्रॉप, ज्यादा दाम वाली, ज्यादा पोषक फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहन बढ़ेगा. छोटा किसान पहले इन सबसे इसलिए नहीं जुड़ पाता था, क्योंकि उसको कोल्ड स्टोरेज बड़े मार्केट मिलने में दिक्कत होती थी.आज पश्चिम बंगाल के किसान भी इस सुविधा से जुड़ा है.वहां आलू, कटहल, बैंगन, गोभी जैसी सब्जियां खूब होती हैं. साथ ही अनानास, लीची, अनार, केला भी वहां के किसान उगाते हैं. मछली की भी कमी नहीं है. समस्या इनको देशभर के बाजार तक पहुंचाने की रही है.किसान रेल से पश्चिम बंगाल के किसानों को बड़ा विकल्प मिला है.ये विकल्प किसान के साथ ही स्थानीय छोटे-छोटे व्यापारी को भी मिला है.वो किसान से ज्यादा दाम में ज्यादा माल खरीदकर किसान रेल के ज़रिए दूसरे राज्यों में बेच सकते हैं.

पीएम मोदी ने आगे कहा कि दूर के बाजार तक अपनी फसल को पहुंचाने में ही उसका किराये भाड़े में बहुत खर्च हो जाता था. इसी समस्या को देखते हुए 3 साल पहले हमारी सरकार ने टमाटर, प्याज आलू के ट्रांसपोर्टेशन पर 50% सब्सिडी दी थी.पीएम कृषि संपदा योजना के तहत मेगा फूड पार्क्स, कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर, ऐसे करीब साढ़े 6 हजार प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए हैं. आत्मनिर्भर अभियान पैकेज के तहत माइक्रो फूड प्रोसेसिंग उद्योगों के लिए 10 हज़ार करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं.

भारतीय रेलवे ने इसी साल 7 अगस्त को किसान रेल की शुरुआत की थी. उसके बाद से सिर्फ 5 महीने के भीतर अब 100वीं किसान रेल आज रवाना हुई, जिसे पीएम मोदी ने आज हरी झंडी​ दिखाई. इस मौके पर केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट कहा कि हमारी सरकार मानती है कि किसानों की समृद्धि ही देश की समृद्धि है. इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी के इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया.

किसान रेल में रेफ्रिजरेटेड कोच लगे होंगे. इसे रेलवे ने 17 टन की क्षमता के साथ नए डिजायन के रूप में निर्मित करवाया है. इसे रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में बनाया गया है. इस ट्रेन में कंटेनर फ्रीज की तरह होते हैं. मतलब यह एक चलता-फिरता कोल्ड स्टोरेज होता है, इसमें किसान खराब होने वाले सब्जी, फल, फिश, मीट, मिल्क आदि रख सकते हैं. इससे सब्जियों, फलों, मांस, मछली और दूध जैसे जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों को इनके पैदावार वाले इलाकों से उन इलाकों में पहुंचाया जाएगा जहां इनका अच्छा बाजार है.

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