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नाराज किसानों को मनाने में जुटे पीएम मोदी - जारी किया बुकलेट, जानिए क्या है इसमें

[Edited By: Rajendra]

Saturday, 19th December , 2020 01:12 pm


देश की राजधानी के सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का आज प्रदर्शन का 24वां दिन है। एक तरफ जहां किसान कानून को वापस लेने के लिए लगातार प्रदर्शन स्थल पर डटे हुए हैं, तो वहीं पीएम मोदी समेत तमाम बीजेपी नेता नाराज किसानों को मनाने में जुटी हुई है। इसके अलावा केन्द्र सरकार इस मसले पर किसानों से बात करने के लिए तैयार भी है, लेकिन किसान कृषि कानून वापस लेने के बाद ही बात करने को तैयार हो रहे है।

बता दें कि मोदी सरकार कृषि कानून को लेकर नाराज किसानों को मनाने के लिए हर तरीका अपना रही है। इतना ही नहीं, वह किसानों को इस कानून से होने वाले फायदें को भी समझाने में लगी हुई है। पीएम मोदी ने किसानों को समझाने के लिए ग्राफिक्स और बुकलेट का बी सहारा ले रही है, ताकि किसानों को इस कानून को समझने में कोई परेशानी ना हो।

पीएम मोदी ने शनिवार को सुबह एक ट्वीट के जरिए कहा, "ग्राफिक्स और बुकलेट सहित बहुत सी सामग्री है, जो हाल ही में कृषि-सुधार हमारे किसानों की मदद करने के बारे में विस्तार से बताती है। यह NaMo ऐप वालंटियर मॉड्यूल के आपकी आवाज़ और डाउनलोड अनुभागों पर पाया जा सकता है। व्यापक रूप से पढ़ें और साझा करें।"

 

तो वहीं पीएम मोदी ने श्री गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर उनको याद किया। उन्होंने श्री गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर ट्वीट करके लिखा, "श्री गुरु तेग बहादुर जी का जीवन साहस और करुणा का प्रतीक है। उनकी शहीदी दिवस पर, मैं महान श्री गुरु तेग बहादुर जी को नमन करता हूं और एक न्यायपूर्ण और समावेशी समाज के लिए उनके दृष्टिकोण को याद करता हूं।"


आपको बताते चलें कि पीएम मोदी भरसक प्रयास कर रहे है कि किसान इस कानून को समझे और इस आंदोलन को खत्म करें। जैसा कि बीते शुक्रवार को भी पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश में किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था, "हमारी सरकार ने जो कदम उठाए, वे पूरी तरह किसानों को समर्पित हैं। अगर हमें MSP हटानी ही होती तो स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू ही क्यों करते? हमारी सरकार MSP को लेकर इतनी गंभीर है कि हर बार बुआई से पहले MSP की घोषणा करती है।"

पीएम मोदी ने कहा था कि हमारे देश में वर्षों से फार्मिंग एग्रीमेंट की व्यवस्था चल रही है। फार्मिंग एग्रीमेंट से जुड़े पहले जो भी तौर-तरीके चल रहे थे, उनमें किसानों के लिए बहुत जोखिम था। नए कानून में हमारी सरकार ने किसानों को सुरक्षा देने के लिए कानूनी प्रावधान किए हैं।

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