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मायावती का आईएनडीआईए गठबंधन में शाम‍िल होने से किया साफ इनकार

[Edited By: Rajendra]

Wednesday, 30th August , 2023 01:10 pm

देश में 2024 यानी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। गठबंधन बनाने और नए दलों को अपनी ओर खींचने की कोशिशें जारी हैं। फिलहाल सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी दलों के गठबंधन आईएनडीआईए में खींचतान जारी है। ऐसे में देश में सबसे ज्यादा सांसद देने वाले राज्य उत्तर प्रदेश की एक प्रमुख पार्टी बीएसपी की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि वह दोनों ही प्रमुख गठबंधनों का हिस्सा नहीं बनेगी। पार्टी प्रमुख मायावती ने इस संबंध में आज ट्वीट कर यह बात साफ कर दी है। मायावती ने अपने ट्वीट के जरिए मीडिया पर भी हमला बोला है और कहा कि बेवजह के आकलनबाजी से मीडिया को बचना चाहिए। पार्टी ने साफ कर दिया है कि दोनों ही गठबंधन से बीएसपी बराबर की दूरी बनाए रखेगी और अकेले ही चुनाव लड़ेगी। पार्टी प्रमुख ने साफ कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पार्टी अकेले अपने दम पर लड़ेगी।

यूपी सह‍ित देश के स‍ियासी गल‍ियारों में आईएनडीआईए और बसपा के गठबंधन को आज मायावती ने स‍िरे से खार‍िज करते हुए कहा क‍ि इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्‍होंने कहा क‍ि आने वाले राज्‍यों में व‍िधानसभा चुनाव के साथ लोकसभा चुनाव 2024 भी बसपा अकेले दम पर लड़ेगी। उन्‍होंने कहा क‍ि अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर एनडीए और आईएनडीआईए गठबंधन के बीच बयान बाजी का दौर शुरु हो गया है। एक दूसरे पर आरोप प्रत्‍यारोप लगाने का भी स‍िलस‍िला जारी है। वहीं इन सब के बीच बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने आईएनडीआईए से गठबंधन की खबरों को फेक न्‍यूज बताते हुए मीड‍िया से अपील करते हुए कहा क‍ि ऐसी भ्रान्तियां न फैलायें। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा क‍ि एनडीए व आईएनडीआईए गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अतः मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज।

मायावती ने कुल चार ट्वीट किए और अपनी बात कही है। उन्होंने कहा कि एनडीए व आईएनडीआईए गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी, जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अतः मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज़।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि बीएसपी, विरोधियों के जुगाड/जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे/बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनके गठबंधन से सन 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा तथा चार राज्यों में विधानसभा का आमचुनाव लडे़गी। मीडिया बार-बार भ्रान्तियां न फैलाए।

तीसरे ट्वीट में मायावती ने कहा कि वैसे तो बीएसपी से गठबंधन के लिए यहां सभी आतुर, किन्तु ऐसा न करने पर विपक्षी द्वारा खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं। इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर न मिलें तो भाजपाई। यह घोर अनुचित तथा अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं, की कहावत जैसी।

मायावती ने चौथे ट्वीट में कहा, इसके अलावा, बीएसपी से निकाले जाने पर सहारनपुर के पूर्व विधायक कांग्रेस व उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा में व्यस्त हैं, जिससे लोगों में यह सवाल स्वाभाविक है कि उन्होंने पहले यह पार्टी छोड़ी क्यों और फिर दूसरी पार्टी में गए ही क्यों? ऐसे लोगों पर जनता कैसे भरोसा करे?

देश व दुनिया में रहने वाले सभी भारतीय भाई-बहनों एवं उनके परिवार वालों को रक्षाबंधन पर्व की हार्दिक बधाई तथा उनके खुशहाल जीवन की शुभकामनायें।

विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए की 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में हो रही बैठक में मायावती के शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे। उनके बयान से अब यह स्पष्ट हो गया है कि वह इस बैठक में शामिल नहीं हो रही हैं।

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