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कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई बड़े फैसले, एथेनॉल की कीमत बढ़ाने का निर्णय

[Edited By: Rajendra]

Thursday, 29th October , 2020 04:30 pm

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट और CCEA की बैठक में पेट्रोलियम मंत्रालय के प्रस्ताव को मानते हुए एथेनॉल की कीमतें बढ़ाने का फैसला लिया है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने बताया कि एथेनॉल की कीमतों में 5 से 8 फीसदी बढ़ोतरी की गई है.

शुगर से बनने वाले एथेनॉल की कीमत 62.65 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है. बी हैवी की कीमत 57.61 रुपये और सी हैवी की कीमत 45.69 प्रति लीटर कर दी गई है. इससे शुगर मिलों के हाथ में ज्यादा पैसा आएगा और वे किसानों के बकाये का भुगतान कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि 10 फीसदी एथेनॉल को पेट्रोल में मिलाया जाता है.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जूट के बैग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अनिवार्य पैकेजिंग के लिए मानदंडों के विस्तार को मंजूरी दे दी है. सरकार के फैसले के बाद खाद्यान्न की 100 फीसदी पैकेजिंग चीनी की 20 फीसदी पैकेजिंग जूट बैग में अनिवार्य रूप से होगी. प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार के इस फैसले के बाद जूट की मांग में इजाफा होगा इससे जूट की खेती को भी बढ़ावा मिलेगा. आम लोगों के लिए जूट के थैलों का क्या दाम होगा, इसका फैसला कमेटी करेगी.

आम आदमी को किसानों को होगा फायदा-प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि खाद्यान्न में 100 फीसदी और चीनी में 20 फीसदी जूट पैकेजिंग को अनिवार्य कर दिया है. इससे जूट की मांग बढ़ेगी और जूट की खेती को बढ़ावा मिलेगा. इससे पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, मेघालय, त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश के जूट किसानों को फायदा होगा.

कैबिनेट बैठक में बांधों की सुरक्षा और मेंटनेंस के लिए नई योजना को मंजूरी दी गई है. ये परियोजना दो चरणों में पूरी होगी, जिसकी लागत दस हजार करोड़ रुपये तक का होगी. इस योजना के तहत मौजूदा बांधों को नई तकनीक के आधार पर तैयार किया जाएगा, जो बांध काफी पुराने हो गए हैं उनमें सुधार किया जाएगा और अन्य कामों को पूरा किया जाएगा.डैम को लेकर हुआ बड़ा फैसला- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देशभर में चयनित 736 बांधों की सुरक्षा और परिचालन प्रदर्शन में सुधार के लिए बाहरी सहायता प्राप्त 'बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना' के दूसरे और तीसरे चरण को मंजूरी दी है. इस परियोजना पर कुल 10,211 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इस परियोजना को अप्रैल 2021 से मार्च 2031 तक लागू किया जाएगा.

अलगे सीज़न में उत्पादन बढ़ने का अनुमान-बता दें कि अगले सीज़न (दिसंबर 2020-नवंबर 2021) तक एथेनॉल का उत्पादन दोगुना होने का अनुमान है. उत्पादन बढ़ने से सरकार पेट्रोल में 8 फीसदी एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य पूरा कर पाएगी. सूत्रों के मुताबिक नेशनल बायोफ्यूल पॉलिसी के तहत 2022 तक 10 फीसदी और 2030 तक 20 फीसदी Ethanol Blending जरूरी करने का लक्ष्य है.

एथेनॉल को घरेलू तौर पर बनाया जा सकता है. जिसके जरिए पेट्रोलियम के आयात पर निर्भरता कम की जा सकती है. एनर्जी सिक्योरिटी को बढ़ाया जा सकता है. यह नॉन-टॉक्सिक, बायोडिग्रेडेबल साथ ही सभांलने में आसान, स्टोर और ट्रांसपोर्ट के लिए सुरक्षित है. यह रिन्यूएबल प्लांट सोर्स से बनाया जाता है.

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