पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आज कई अहम फैसले लिए गए हैं. सरकार ने लक्ष्मी विलास बैंक और DBS Bank के मर्जर को मंजूरी दे दी है. यानी अब LVB और DBS बैंक जल्द ही एक हो जाएंगे. केंद्रीय मंत्रिमंडल और आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) की बैठक में आज 3 अहम फैसले लिए गए हैं. इसमें टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर और NIIF Debt प्लेटफॉर्म को लेकर भी बड़ा ऐलान हुआ है.
लक्ष्मी विलास बैंक के मर्जर को मिली मंजूरी-कैबिनेट की बैठक में लक्ष्मी विलास बैंक और DBS बैंक के मर्जर को मंजूरी मिल गई है. बैंक को लेकर एक जरूरी फैसला लिया गया है. हालांकि इसका प्रस्ताव पहले से ही चल रहा था. RBI की ओर से भी इसे एक सहमति मिली थी फिलहाल अब सरकार की ओर से भी इस पर मंजूरी मिल गई है. इसके अलावा बैंक के कुछ कर्ज को भी रिस्ट्रक्चर करने का प्रस्ताव तो ऐसा माना जा रहा है उसको भी कैबिनेट ने सहमति दी है.
ATC Telecom Infra Pvt Ltd में एफडीआई को मंजूरी मिली है. कैबिनेट से 2480 करोड़ के FDI को मंजूरी मिल गई है. एटीसी एशिया पैसिफिक पीटीई लिमिटेड FDI के जरिए 12.32 फीसदी हिस्सा खरीदने का प्लान बनाया जा रहा है. बता दें ATC Telecom Infra इस समय टेलीकम्युनिकेशन्स इंफ्रास्ट्रक्चर सॉल्यूशन की सुविधा प्रदान करती है. इसके साथ ही रखरखाव और संचालन की भी सुविधाएं देती है.
एटीसी एशिया पैसिफिक पीटीई लिमिटेड के कारोबार में बैंकों के अलावा अन्य कंपनियों की प्रतिभूतियों की होल्डिंग या मालिकाना शामिल है. इस कंपनी की स्थापना साल 2006 में हुई है.
NIIF Debt प्लेटफॉर्म में भी फंड डालने की मंजूरी मिली है. एनआईआईएफ स्ट्रैटेजिक अपॉर्चुनिटी फंड ने अपने प्लेटफॉर्म की स्थापना की है, जिसमें एक एनबीएफसी इंफ्रा डेट फंड और एक एनबीएफसी इंफ्रा फाइनेंस कंपनी शामिल हैं. बता दें हाल ही में सरकार ने आत्मनिर्भर भारत 3.0 के तहत 6 हजार करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश का प्रस्ताव दिया था.