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केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए बड़े फैसले

[Edited By: Rajendra]

Wednesday, 30th December , 2020 05:59 pm

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बड़े फैसले लिए गए। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इन फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि दो ट्रेड कॉरिडोर बन रहे हैं जिससे माल ढुलाई अच्छे से होगी। जहां माल ढुलाई होगी उस कॉरिडोर के साथ जहां एक्सप्रेस-वे और एयरपोर्ट भी हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में बड़े फैसले लिए गए। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इन फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि 7,725 करोड़ रुपए की लागत से लगभग तीन लाख रोजगार पैदा करने के लिए योजना को मंजूरी मिली है। मंत्रिमंडल ने कृष्णपत्तनम और तुमाकुरू में औद्योगिक गलियारा और ग्रेटर नोएडा में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक केंद्र को मंजूरी दी है। कृष्णपट्टनम बंदरगाह में 2,139 करोड़ रुपए की लागत से औद्योगिक क्षेत्र का विकास किया जाएगा।

जावड़ेकर ने बताया कि दो ट्रेड कॉरिडोर बन रहे हैं जिससे माल ढुलाई अच्छे से होगी। जहां माल ढुलाई होगी उस कॉरिडोर के साथ जहां एक्सप्रेस-वे हैं, बंदरगाह हैं, रेलवे की सुविधा है और एयरपोर्ट भी हैं। ऐसी जगहों पर औद्योगिक शहरों का विकास करने का निर्णय लिया गया है।

केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में भारत और भूटान के बीच एमओयू पर हुए हस्ताक्षर को मंजूरी दी गई। इस समझौते में बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण इस्तेमाल को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति बनी है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एस्टोनिया, पैराग्वे और डोमिनिकन गणराज्य में भारतीय मिशनों को खोलने की मंजूरी भी दी है।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिमंडल ने देश में इथेनॉल उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए संशोधित योजना मंजूर की। देश में पहली पीढ़ी (1G) इथेनॉल के उत्पादन के लिए संशोधित योजना के तहत अनाज (चावल, गेहूं, जौ, मक्का और शर्बत), गन्ना, चीनी पत्ता आदि से इथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने इथेनॉल उत्पादन संयंत्रों के लिए 4,573 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद को भी मंजूरी दी।

केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि पारादीप पोर्ट में नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने एक आधुनिक और विश्व स्तरीय बंदरगाह निर्माण करने का फैसला लिया है। कैबिनेट ने पारादीप बंदरगाह पर केप आकार के जहाजों को संभालने के लिए पीपीपी मोड के तहत बिल्ड, ऑपरेट एंड ट्रांसफर के आधार पर पश्चिमी डॉक के विकास सहित आंतरिक बंदरगाह सुविधाओं के गहन और अनुकूलन को मंजूरी दी। परियोजना की अनुमानित लागत 3,004.63 करोड़ रुपये है।

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने आकाश मिसाइल सिस्टम के निर्यात को भी मंजूरी दी है। मिसाइल के निर्यात को तेजी से मंजूरी देने के लिए एक समिति भी गठित की गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ट्वीट कर बताया कि निर्यात किया जाने वाला मिसाइल सिस्टम भारतीय सेना द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे संस्करण से बिल्‍कुल अलग होगा। आकाश मिसाइल की रेंज 25 किलोमीटर है और इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने विकसित किया है।

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