Trending News

लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने नई संसद में मिली संविधान की कॉपी पर सवाल उठाए

[Edited By: Rajendra]

Wednesday, 20th September , 2023 01:53 pm

लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने नई संसद में मिली संविधान की कॉपी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस संविधान में सोशलिस्ट सेक्युलर शब्द नहीं है। उन्होंने कहा, “संविधान की जो नई प्रतियां आज (19 सितंबर) हमें दी गईं, जिन्हें हम अपने हाथों में पकड़कर (नए संसद भवन) में प्रवेश कर गए। इसकी प्रस्तावना में 'सोशलिस्ट सेक्युलर' शब्द नहीं है। हम जानते हैं कि ये शब्द 1976 में एक संशोधन के बाद जोड़े गए थे, लेकिन अगर आज कोई हमें संविधान देता है और उसमें ये शब्द नहीं हैं, तो यह चिंता का विषय है। कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “उनकी मंशा संदिग्ध है। ये बड़ी चतुराई से किया गया है। ये मेरे लिए चिंता का विषय है। मैंने इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की लेकिन मुझे इस मुद्दे को उठाने का मौका नहीं मिला।

नए संसद भवन में लोकसभा कार्यवाही महिला आरक्षण बिल के साथ शुरू हुई। लोकसभा में इस विधेयक को पेश किया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बिल को अब नारी शक्ति वंदन अधिनियम के नाम से जाना जाएगा। इसके बाद विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी बोलने उठे तो उन्होंने कहा कि इस बिल को कांग्रेस सरकार के दौरान पेश किया गया था और ये लोकसभा में पारित हो चुका है जबकि राज्यसभा में अटक गया था। इसको लेकर सत्ता पक्ष के सांसदों ने आपत्ति जताई। फिर अधीर रंजन चौधरी ने पीएम मोदी से कहा कि सदन में किसका क्या विचार है ये उसके व्यवहार से पता चलेगा। आप ही देखिए इन लोगों को। ये तो आपकी बात का भी सम्मान नहीं कर रहे हैं। इस तरह का व्यवहार तो सीधे-सीधे प्रधानमंत्री का अपमान है।

टीएमसी सांसद ने आगे कहा, “मेरा सवाल ये है कि बिना किसी चर्चा के ये बदलाव कैसे किया गया। टीएमसी इसका विरोध करेगी। ये सरकार संविधान विरोधी है।” इस मुद्दे पर विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी सवाल करते हुए कहा था, “संविधान की जो नई प्रतियां आज (19 सितंबर) हमें दी गईं, जिन्हें हम अपने हाथों में पकड़कर (नए संसद भवन) में प्रवेश कर गए। इसकी प्रस्तावना में 'सोशलिस्ट सेक्युलर' शब्द नहीं है।” उन्होंने ये भी कहा, "हमने राहुल गांधी को इस बारे में बताया है, हमने दिखाया है कि संविधान के साथ फेरबदल किया जा रहा है। संविधान को एक सोची समझी साजिश के तहत बदला जा रहा है।" नेता प्रतिपक्ष ने इस बात को बीते दिन मंगलवार को भी नई संसद में उठाने की कोशिश की थी।

अब अधीर रंजन के दावे पर सरकार की प्रतिक्रिया भी आ गई है। बीजेपी नेता और केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि ‘जब संविधान बना था तो ऐसा ही था। उसके बाद 42वां संशोधन हुआ…ये मूल संविधान की प्रतियां हैं, जो सभी सांसदों को वितरित की गई हैं।’ केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अधीर रंजन के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, जब संविधान का मसौदा तैयार किया गया था, तो यह ऐसा ही था। बाद में एक संशोधन किया गया था। यह मूल प्रति है। हमारे प्रवक्ता ने इसका जवाब दिया है।’

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 1976 में पारित संविधान के 42वें संशोधन ने प्रस्तावना में भारत के विवरण को ‘संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य’ से ‘संप्रभु समाजवादी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य’ शब्दों में बदल दिया। 20 पृष्ठ लंबे इस विस्तृत दस्तावेज ने संसद को अभूतपूर्व शक्तियां प्रदान कीं। इस संशोधन के साथ प्रस्तावना सहित संविधान के लगभग सभी हिस्सों को बदल दिया गया। इसने ‘राष्ट्र की एकता’ को ‘राष्ट्र की एकता और अखंडता’ शब्द में भी बदल दिया।

Latest News

World News