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वैश्विक सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान का टकराना तय

[Edited By: Rajendra]

Monday, 2nd November , 2020 02:52 pm

अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) की शासी परिषद (गर्वनिंग काउंसिल) की बैठक में भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक जंग होनी तय मानी जा रही है। आईपीयू विभिन्न देशों की संसदों की शीर्ष संस्था है। पाकिस्तान इस सत्र की अध्यक्ष बनने के लिए अपनी जी तोड़ कूटनीतिक कोशिशों में लगा है। अंतर संसदीय संघ का नया अध्यक्ष बनने की दौड़ में पाकिस्तान का सामना पुर्तगाल, कनाडा और उज्बेकिस्तान के दावेदारों के साथ हो रहा है। रिपोर्टों की मानें तो अध्यक्ष पद पाने के लिए हाथ-पांव मार रहे पाकिस्तान की राह में भारत रोड़ा अटका सकता है।

रिपोर्टों में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि भारत की ओर से पाकिस्तान की उम्मीदवारी का विरोध होना तय है। नई दिल्ली पाकिस्तान के उम्मीदवार मोहम्मद संजरानी एवं कनाडा की उम्मीदवार सलमा अतुल्लाजान की जगह पुर्तगाल के दावेदार दुआर्ते पचेको अथवा उज्बेकिस्तान के अकमल सैदेव को समर्थन कर सकती है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान बार-बार कश्मीर मुद्दे को उठाकर अपना प्रोपगैंडा फैलाने की असफल कोशिश करता आया है जबकि भारत आतंकवाद का समर्थन करने के लिए उसे कठघरे में खड़ा करता आया है।

वर्चुअल सम्मेलन में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृ्त्व लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला कर रहे हैं। भारतीय शिष्टमंडल में श्रीमती पूनमबेन हेमतभाई माडम, श्री स्वप्न दासगुप्त सहित अन्य सांसद शामिल हैं। इस अधिवेशन में 144 देशों की संसद के अध्यक्ष अथवा सभापति भाग ले रहे हैं। कोविड-19 के संकट को देखते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिवेशन का आयोजन हो रहा है। इस बार सुंयक्त राष्ट्र का महाधिवेशन भी वर्चुअल हुआ है।

पुलवामा हमले पर पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी के बयान के बाद दोनों देशों के रिश्तों में और तल्खी आ गई है। फवाद ने बीते दिनों नेशनल असेंबली में पुलवामा हमले को इमरान खान सरकार की कामयाबी बताया। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान की नई सिरे से घेरेबंदी शुरू कर दी है। विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा है कि पाक को काली सूची में डालने के लिए भारत को एफएटीएफ को पत्र लिखना चाहिए।

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