भारत और अमेरिका के बीच टू-प्लस-टू डायलॉग इस महीने के अंत में 26 और 27 अक्टूबर को हो सकता है। इस बैठक में शामिल होने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार चार सैन्य संचार मूलभूत समझौतों में से अंतिम,भू-स्थानिक सहयोग के लिए बुनियादी विनिमय और सहयोग समझौता (बीईसीए) के लिए तैयार है। यह समझौत भारत का महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अमेरिका से एमक्यू-9बी जैसे हथियारबंद ड्रोन प्राप्त करता है, जो मानव रहित हवाई वाहन दुश्मन के ठिकानों पर पिनपॉइंट स्ट्राइक डेटा का उपयोग करता है।
भारत-अमेरिका की बातचीत का विस्तार विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ से मुलाकात के बाद होगा। यह बातचीत टोक्यो में 6 अक्टूबर को होगी। वहीं, अक्टूबर के मध्य में स्टीफन बेगुन और अंत में अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क ओशो और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो विदेश मंत्रियों के साथ टू-प्लस-टू वार्ता में शामिल होंगे।
गौरतलब है कि बीईसीए पर हस्ताक्षर एक बहुत महत्वपूर्ण कदम होगा, क्योंकि यह भारत को क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों जैसे स्टैंड-आॅफ हथियारों की सटीकता के लिए अमेरिका के जीपीएस मैप का उपयोग करने की अनुमति देता है। दोनों देशों ने इसके पहले ईंधन भरने और पुन:पूर्ति के लिए चिन्हित सैन्य सुविधाओं का उपयोग करने के तीन मूलभूत समझौतों को सक्रिय किया है।
टू-प्लस-टू बैठकों के दौरान, दोनों अमेरिकी मंत्री, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिलेंगे। इस बैठक में लद्दाख और दक्षिण चीन सागर में चीनी आक्रामकता पर चर्चा की जाएगी।