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आखिर क्या हुआ नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री की मुलाकात के दौरान?

[Edited By: Arshi]

Monday, 23rd August , 2021 02:34 pm

 

जाति जनगणना पर आज नीतीश कुमार ने बिहार के कई अन्य नेताओं के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली जाकर मुलाकात की. इस प्रतिनिधिमंडल में नीतीश कुमार के साथ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और बीजेपी समेत अन्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल थे. दोनों ही नेता जाति के आधार पर जनगणना कराए जाने की पुरजोर तरीके से मांग कर रहे हैं.

जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर सीएम नीतीश कुमार, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और 10 राजनीतिक दलों के नेताओं सहित प्रतिनिधिमंडल ने आज सुबह 11 बजे पीएम मोदी से मुलाकात की.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बारे में कहा कि प्रधानमंत्री ने मांगों को सुना और कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने उनसे इस मुद्दे पर फैसला लेने को कहा है.
“पीएम मोदी ने जाति जनगणना की हमारी मांग सुनी और हमें उम्मीद है कि वह इस पर विचार करेंगे.उन्होंने अब तक हमारी मांग को ठुकराया नहीं है. हमने उनसे निर्णय लेने के लिए कहा है, ”नीतीश कुमार ने बैठक के बाद कहा.

नीतीश कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी बात ध्यान से सुनी. प्रधानमंत्री का इस मुद्दे पर क्या रुख है, नीतीश कुमार ने बताया, "उन्होंने इससे इनकार नहीं किया और सबकी बात ध्यान से सुनी. बिहार के लोग और पूरा देश ही इस मुद्दे पर एकमत हैं. हम प्रधानमंत्री के आभारी हैं कि उन्होंने हमारी बात ध्यान से सुनी. अब उन्हें इस बारे में फ़ैसला लेना है."

बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने पूरे देश में जाति आधारित जनगणना की मांग की. “हमारे प्रतिनिधिमंडल ने आज न केवल राज्य (बिहार) में बल्कि पूरे देश में जाति जनगणना के लिए पीएम से मुलाकात की। हम अब इस पर निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं. इस बीच, भाजपा नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कल कहा कि उनकी पार्टी इस तरह की कवायद के खिलाफ नहीं है.

“बीजेपी कभी भी जाति आधारित जनगणना के खिलाफ नहीं थी, हम भी इसके समर्थन में विधान सभा और परिषद में पारित प्रस्तावों का हिस्सा रहे हैं.

पीएम मोदी से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में भाजपा का एक प्रतिनिधि भी शामिल है. ”सुशील मोदी ने कहा. एक ट्वीट में, सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा के गोपीनाथ मुंडे ने संसद में जाति-आधारित गणना के पक्ष में बात की थी. उन्होंने कहा, 'तत्कालीन सरकार ने जब सामाजिक, आर्थिक और जाति आधारित आकलन किया तो आंकड़ों में खामियां थीं. समुदायों की संख्या लाखों में थी. त्रुटियों के कारण उस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया. यह जनगणना का हिस्सा नहीं था, ”उन्होंने कहा. उन्होंने कहा कि पिछली बार 1931 में ब्रिटिश शासन के तहत जाति-आधारित गणना हुई थी, जब बिहार, झारखंड और ओडिशा एक इकाई थे.

 

बिहार में सभी दलों ने जाति जनगणना का आह्वान किया है, लेकिन भाजपा के लिए यह राजनीतिक रूप से एक पेचीदा विषय है, जिसमें राज्य का एजेंडा राष्ट्रीय दृष्टिकोण से अलग है. जाति जनगणना की मांग पिछले महीने संसद में केंद्र के एक बयान से शुरू हुई थी कि केवल एससी और एसटी की आबादी की गणना का प्रस्ताव किया गया.

नीतीश कुमार ने कहा कि जातिगत जनगणना कराने से विभिन्न विकास योजनाओं को असरदार तरीके से बनाने में मदद मिलेगी. इसके समर्थन में अपनी बात रखते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि ग़रीब लोगों की मदद करने में ये ऐतिहासिक कदम होगा. उन्होंने कहा कि अगर जानवर और पेड़ गिने जा सकते हैं तो लोगों को क्यो नहीं गिना जा सकता है.

ये पूछे जाने पर कि क्या जेडीयू और आरजेडी इस मुद्दे पर एक दूसरे के करीब आ रहे हैं तो तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के विपक्ष ने हमेशा ही जनसमर्थक और राष्ट्रहित के मुद्दों पर सरकार का समर्थन किया है. बिहार जैसे राज्यों में, जहां मंडल युग से ओबीसी का राजनीति में वर्चस्व रहा है, इसने पिछड़े वर्गों की भी गिनती की जोरदार मांग को जन्म दिया है. कुमार ने दोहराया कि कम से कम एक बार जाति जनगणना किए जाने के पक्ष में देशव्यापी भावना है. कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए क्योंकि ऐसा अभ्यास सभी सामाजिक समूहों के लिए फायदेमंद होगा.

वहीं पीएम मोदी ने तेजस्वी यादव से लालू प्रसाद यादव की सेहत के बारे में हालचाल लिया और कहा कि यही कामना करते हैं कि वह जल्दी से ठीक हो जाएं. वहीं जीतन राम मांझी से भी वह चुटकी लेते दिखे. उन्होंने कहा- आप तो मास्क लगाए हुए हैं तो आपका मुस्कुराता चेहरा कैसे देखें. इस पर नीतीश कुमार ने कहा कि आपने ही तो मास्क पहनने से जुड़ी गाइडलाइंस दी हैं.पीएम मोदी से नीतीश कुमार ने ही सबको मिलवाया. मुकेश मल्लाह से परिचय होते ही पीएम मोदी ने कहा कि आप दुबले हो रहे हैं, क्या वेट लॉस कर रहे हैं. बता दें कि मुकेश मल्लाह ने पीएम मोदी को चांदी की मछली तोहफे में दी. इस पर पीएम ने उन्हें कहा कि अरे ये तो बहुत शुभ होती है. वहीं नीतीश कुमार ने उन्हें बुके गिफ्ट दिया.

 

 

 

 

 

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