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यूपी सरकार के धर्मांतरण अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं की टली सुनवाई, लागू हुआ कानून

[Edited By: Punit tiwari]

Wednesday, 24th March , 2021 03:25 pm

लखनऊ-उत्तरप्रदेश सरकार के धर्मांतरण अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होनी थी लेकिन कोर्ट ने सुनवाई टाल दी है। दूसरी ओर याचिकाकर्ता की तरफ से अगली सुनवाई पर नई अर्जी दी जाएगी। विधानमंडल के दोनों सदनों से बिल पास होने के बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मंजूरी मिलने के बाद यूपी में धर्मांतरण कानून लागू हो गया है। बिल को विधानसभा और विधान परिषद से पारित कराने के बाद राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था। राज्य सरकार ने नए कानून का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।

अध्यादेश को 4 मार्च को ही राज्यपाल से मंजूरी मिल चुकी है। राज्यपाल से मंजूरी के बाद 5 मार्च को गजट नोटिफिकेशन जारी हो चुकी है। यूपी सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने इसकी पुष्टि भी की है। 

वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई टाल दी है। याचिकाकर्ता की तरफ से अगली सुनवाई पर नई अर्जी दी जाएगी। बताया जा रहा है कि याचिकाकर्ताओं की नई अर्जी में अध्यादेश के बजाय अब कानून को चुनौती दिए जाने की तैयारी की जा रही है। इस मामले की अलगी कोर्ट में सुनवाई 6 अप्रैल को होगी। जानकारी के लिए बता दें कि अध्यादेश के खिलाफ बदायूं के वकील सौरभ कुमार समेत 5 याचिकाएं दाखिल की गई हैं। याचिकाओं में सियासी फायदे के लिए अध्यादेश लाने का आरोप लगाया गया है।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य में धर्मांतरण अध्यादेश के जरिए एक वर्ग विशेष को निशाना बनाया जा रहा है। योगी सरकार ने इस धर्मांतरण अध्यादेश को कानून व्यवस्था के लिए जरूरी करार दिया है। इस मामले में चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की डिवीजन बेंच में इस पर सुनवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि बीते साल यूपी में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाया गया था। प्रदेश सरकार ने 24 नवंबर को यह अध्यादेश मंजूर किया था। इसके अंतर्गत दोषी व्यक्ति को 10 साल तक की कैद हो सकती है। इस अध्यादेश के तहत महिला का सिर्फ विवाह के लिये ही धर्म परिवर्तन के मामले में विवाह को शून्य घोषित कर दिया जायेगा और जो विवाह के बाद धर्म परिवर्तन करना चाहते हैं उन्हें इसके लिये जिलाधिकारी के यहां आवेदन करना होगा।

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