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किसान के नाम पर दलाली करने वाले परेशान- सीएम योगी

[Edited By: Vijay]

Monday, 6th September , 2021 01:01 pm

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में आयोजित एक कार्यक्रम में मुजफ्फरनगर किसान महपंचायत को लेकर विपक्षी नेताओं पर हमला बोला। सीएम योगी ने इस दौरान किसी का नाम लिए बिना कहा कि किसान नहीं, उनके नाम पर दलाली करने वाले ही इस समय परेशान हैं। किसानों के लिए आजादी के बाद पहली बार सबसे ज्यादा काम हुए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाली गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना को वाराणसी तक लाने का प्रयास हो रहा है।

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के आरोपों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गन्ना किसानों का सबसे ज्यादा बकाया का भुगतान हम लोगों ने किया। रमाला चीनी मिल बंद होने के कगार पर थी,हमारी सरकार ने नई लगवाई। सपा और बसपा ने बंद चीनी मिलों को बेच दिया था। हम लोगों ने बंद चीनी मिलों को चलाने का काम किया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चीनी मिलें केवल गन्ना पेरने तक सीमित न रहें, उसका भी प्रयास किया गया। चीनी मिलों को एथनाल प्लांट लगाने की अनुमति दी गई। वर्ष 2021-2022 पेराई सत्र का 84 फीसद तक का गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया गया है। नया सीजन आने तक बाकी का भी मूल्य मिल जाएगा। मुजफ्फनगर महापंचायत पर कहा कि इतना समय नहीं था कि उन लोगों के भाषण सुन सकूं, क्योंकि बाढ़ क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहा था। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए उत्तर प्रदेश में जितने काम हुए आजादी के बाद पहली बार हुए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कृषि सिंचाई योजना हो या प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि या खेती किसानी के क्षेत्र में जो तकनीक अपनाई गई, वह अद्भुत है। जिन्हें ये पसंद नहीं वे लोग किसानों को मोहरा बनाकर गुमराह कर रहे हैं। राज्य सरकार की बात करें तो वर्ष 2017 के बाद यूपी में किसान आत्महत्या नहीं कर रहे हैं। हमने आत्महत्या का कारण पता किया तो मालूम हुआ कि किसानों को कृषि लागत तक नहीं मिल पा रही है। क्रय केंद्र नहीं चल रहे हैं। सबसे पहले सरकार ने किसानों के कर्ज माफी का काम किया। पहली बार किसानों से सीधे क्रय करने और उनका दाम सीधे उनके एकाउंट में देने का काम किया गया।

CM yogi ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के संकीर्ण एजेंडे ने भारतीयता को हतोत्साहित किया था। मगर, प्रयागराज कुंभ के एतिहासिक, सांस्कृतिक व आध्यात्मिक आयोजन और काशी में प्रवासी भारतीय दिवस ने भारतीय संस्कृति की आत्मा तक पहुंचने की होड़ मचा दी।


उन्होंने कोरोना काल की चुनौतियों का भी जिक्र किया और प्रबुद्धजनों से अपील की कि संसाधन विहीन छात्रों तक शिक्षा का मार्ग प्रशस्त करने की राह तलाशें। इस चुनौती में पूरा देश काशी के प्रबुद्ध समाज की ओर देख रहा है।

 

 

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