उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले नेताओं की भगदड़ मच गई है। सभी सुरक्षित ठिकाने की तलाश में हैं। इनमें से बड़ी संख्या में नेता घर वापसी के क्रम में समाजवादी पार्टी में लौट रहे हैं। मंगलवार को पूर्व सांसद तथा पूर्व मंत्री समाजवादी पार्टी में शामिल हुए। आज लखनऊ में एक दर्जन से अधिक नेताओं को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी में शामिल कराया। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर हमला भी बोला।
लखनऊ में समाजवादी पार्टी के राज्य मुख्यालय में पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा अपने ही नेता का सम्मान नहीं करती है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि उनके नाम पर आज तक मेडिकल यूनिवर्सिटी नहीं बन पाई। तमाम घोषणाओं के बाद भी उनके गांव बटेश्वर में भी कोई काम नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि जब समाजवादी पार्टी सरकार आएगी तो हम लोग बटेश्वर का भी विकास कर देंगे। अगर वहां विश्वविद्यालय की जरूरत होगी तो विश्वविद्यालय बना देंगे। अगर कालेज की जरूरत हुई तो कालेज बना देंगे।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार को अपना चुनाव चिन्ह बुलडोजर रख लेना चाहिए। बुलडोजर ही इस सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि बुलडोजर में स्टीयरिंग लगा होता है। उसका स्टीयरिंग घूमने पर बुलडोजर दूसरी तरफ चलने लगेगा।
एक दर्जन से अधिक नेता सपा में शामिल
पूर्व सांसद तथा पूर्व मंत्री सहित एक दर्जन से अधिक नेताओं ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली। बिजनौर के नगीना से सांसद रहे यशवीर सिंह के साथ पूर्व मंत्री मानपाल सिंह ने समाजवादी पार्टी में घर वापसी की। यशवीर सिंह 2009 में सांसद थे, उसके बाद भाजपा में शामिल हो गए थे। मानपाल सिंह कासगंज से विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इनके साथ ही बिगोंडा के गौरा से बसपा नेता अब्दुल कलाम मलिक भी सपा में शामिल हो गए।
भाजपा के राज्यसभा सदस्य के छोटे भाई गोरखपुर के जितेंद्र निषाद के साथ गोरखपुर बार एसोसिएशन के पूर्व संयुक्त मंत्री अधिवक्ता सुशील चंद्र साहनी भी शामिल हुए। महाराजगंज जिला की फरेंदा विधानसभा से पूर्व बसपा प्रत्याशी बेचन निषाद, कुशीनगर के बसपा नेता हरिशंकर राजभर एवं राजेंद्र उर्फ मुन्ना यादव भी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ आज समाजवादी पार्टी में शामिल हुए।