महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से चल रही सरकार बनाने की कशमकश आखिर समाप्त हो गई है. महाराष्ट्र की राजनीति का सस्पेंस शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबन्धन के बाद खत्म होता दिख रहा है. महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के बीच सरकार बनाने के का रास्ता साफ होता दिख रहा है. सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच डील तय हो गई है. तीनों दलों के बीच जो समझौता हुआ है, उसके मुताबिक महाराष्ट्र में पांच साल तक शिवसेना का ही मुख्यमंत्री रहेगा. वहीं, कांग्रेस और एनसीपी के खाते में एक-एक उपमुख्यमंत्री का पद आएगा.
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच बैठकों का दौर जारी है. खबर है कि तीनों दलों के बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (सीएमपी) को लेकर सहमति बन गई है. सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 14 और कांग्रेस को 12 मंत्रीपद दिए जाएंगे. खुद शिवसेना के खाते में 14 मंत्री पद आएंगे.
न्यूज़ एजेंसी ANI से बात करते हुए NCP नेता नवाब मलिक ने कहा, ‘एक सवाल बार-बार पूछा जा रहा है कि शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा क्या? मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना में विवाद हुआ था. ऐसे में हम मुख्यमंत्री पद की दावेदारी नहीं करने जा रहे हैं. निश्चित रूप से मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा.'
नवाब मलिक ने कहा,'शिवसेना को अपमानित किया गया है, हमारी जिम्मेदारी बनती है कि उनका स्वाभिमान और सम्मान बनाए रखना, ये हमारी जिम्मेदारी है और इसपर हमारी किसी प्रकार की आपत्ति नहीं है.’
वहीं शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार पर पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि सीएम शिवसेना का ही होगा. महाराष्ट्र बनाने में सभी का योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम राज्य के हित के लिए बना है. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार भी इसी पर आधारित थी. कांग्रेस के साथ गठबंधन के सवाल पर राउत ने कहा कि देश की आजादी में कांग्रेस का योगदान रहा है. हम सभी को साथ लेकर चलेंगे. राउत ने ट्वीट कर कहा, 'बंदे हैं हम उसके हमपर किसका जोर, उम्मीदों के सूरज निकले चारों ओर.'
सरकार बनाने की गतिविधियों ने रविवार से गति पकड़नी तब शुरू की जब शरद पवार ने दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने की उम्मीद जताई. एनसीपी नेताओं के अनुसार पहले गांधी और पवार बैठक करेंगे और उसके बाद शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मिलेंगे. इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है कि क्योंकि यह सरकार गठन पर आखिरी मुहर लगाने का काम करेगी.
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों से कहा है कि है कि कोई भी पार्टी भाजपा के बिना राज्य में सरकार नहीं बना सकती है. महाराष्ट्र में मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लगाया गया.
महाराष्ट्र की राजनीति में फंसे पेंच पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने टिप्पणी की है.मुंबई में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, 'क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी हो सकता है. कभी-कभी आपको लगता है कि आप मैच हारने वाले हैं, लेकिन परिणाम उसका उलट ही आता है.'
शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन को फर्जी घोषित कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है.याचिका को अगले कुछ दिन में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है. इसमें आरोप लगाया गया है कि विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ लड़ने वाली शिवसेना के रुख में आया बदलाव कुछ नहीं बल्कि एनडीए के प्रति लोगों के विश्वास से धोखा है. यह याचिका प्रमोद पंडित जोशी ने दाखिल की है.