मायावती के बाद बसपा में नंबर दो की हैसियत रखने वाले आनंद कुमार (मायावती के भाई) पर आयकर विभाग का शिकंजा कस चुका है। ऐसा आनंद के साथ पहली बार हुआ है।
दिल्ली स्थित बेनामी निषेध इकाई (बीपीयू) के आदेश पर नोएडा में उनके व उनकी पत्नी की 7 एकड़ की एक व्यावसायिक संपत्ति को जब्त किया है, जो बेनामी संपत्ति कानून के तहत नोएडा में पहली बड़ी कार्रवाई है।
सरकारी एजेंसियों का दावा है कि 400 करोड़ की इस संपत्ति के दस्तावेजों में तो कई मालिक हैं लेकिन शुरुआती जांच में केवल आनंद कुमार और उनकी पत्नी विचित्र लता लाभप्रद मालिक हैं। वह प्राधिकरण की नौकरी छोड़ने के बाद कुछ ही सालों में धन कुबेर बन गए।
आनंद कुमार ने 1994 में जूनियर अस्सिटेंट से नोएडा विकास प्राधिकरण में अपनी नौकरी की शुरुआत की थी और उन्होंने यहां पर करीब छह साल तक नौकरी की। वर्ष 1999-2000 में उन्होंने प्राधिकरण से नौकरी छोड़ दी थी और वह अन्य कारोबार करने लगे थे।
जांच एजेंसियों का कहना था कि वर्ष 2007 में आनंद के पास करीब 7.5 करोड़ की संपत्ति थी। लेकिन सात साल में उनकी संपत्ति बढ़कर 1316 करोड़ हो गई थी, उनकी कंपनियों के मुनाफे में 18 हजार प्रतिशत का उछाल आया।