बसपा प्रमुख मायावती ने स्वर्गीय जनेश्वर मिश्र की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने ट्वीट कर कहा कि उनके नाम पर लखनऊ में जो पार्क है उसे बीएसपी सरकार ने बाबा साहब डॉ भीमराव आम्बेडकर के नाम पर बनाया था। किंतु सपा ने जातिवादी सोच व द्वेष के कारण इसका नाम भी नए जिलों की तरह बदल दिया। यह कैसा सम्मान है।
1.स्व श्री जनेश्वर मिश्र की जयंती पर उनको हार्दिक श्रद्धा सूमन अर्पित तथा उनके नाम पर लखनऊ में जो पार्क है उसे बीएसपी सरकार ने बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के नाम पर बनाया किन्तु सपा सरकार ने जातिवादी सोच व द्वेष के कारण इसका नाम भी नए जिलों आदि की तरह बदल दिया, यह कैसा सम्मान?
— Mayawati (@Mayawati) August 5, 2021
उन्होंने कहा कि बसपा की प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठियों की यूपी में बड़ी सफलता के बाद सपा को अब जनेश्वर मिश्र व भाजपा सरकार द्वारा सताए हुए उनके समाज की याद आई है। यह सब उनकी राजनीतिक स्वार्थ तथा सस्ती लोकप्रियता के लिए नाटक बाजी नहीं तो और क्या है?
2. बीएसपी की प्रबुद्ध वर्ग विचार संगोष्ठी की यहाँ यूपी के जिलों-जिलों में अपार सफलता के बाद सपा को अब श्री जनेश्वर मिश्र व भाजपा सरकार द्वारा सताए हुए उनके समाज की याद आई है यह सब इनकी राजनीतिक स्वार्थ व सस्ती लोकप्रियता के लिए नाटकबाजी नहीं है तो और क्या है?
— Mayawati (@Mayawati) August 5, 2021
वहीं, उन्होंने बुधवार को बयान जारी कर भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी के प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठी एवं सम्मेलनों की सफलता से बौखलाई भाजपा सरकार नई नई पाबंदियां लगा रही हैं। हैरत की बात है कि भाजपा नेताओं पर नियमों की कोई पाबंदी नहीं है।
पार्टी ने इन सम्मेलनों का आयोजन खासतौर पर ब्राह्मणों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अयोध्या से शुरू किया है। कार्यक्रमों को अच्छी खासी सफलता मिली है। चारों तरफ इसकी चर्चा है। इनमें प्रबुद्घ वर्ग की जबरदस्त भागीदारी देखकर भाजपा ने इसे खतरे की घंटी मान लिया है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इसके लिए भाजपा ने सरकारी मशीनरी का खुलकर दुरुपयोग करना शुरू कर दिया है। उसकी स्थिति खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसी हो गई है।
उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा चुनाव से पहले ब्राह्मण वोट बैंक को लेकर राजनीतिक दलों में रस्साकशी तेज हो गई है। बहुजन समाज जहां कई जिलों में सवर्णों के लिए सम्मेलन आयोजित कर रहा है, वहीं समाजवादी पार्टी ने ऊंची जाति के मतदाताओं के लिए सम्मेलन आयोजित करने के साथ ही अपने पार्टी कार्यालय में भगवान परशुराम की प्रतिमा स्थापित करने की भी घोषणा की है.
गुरुवार को समाजवादी पार्टी पर हमला तेज करते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने जनेश्वर मिश्र की जयंती के मौके पर सपा द्वारा आयोजित साइकिल यात्रा पर सवाल उठाए. मायावती ने आरोप लगाया कि बसपा द्वारा प्रबुद्ध वर्गों के लिए सम्मेलनों से सपा बौखला गई है और इसलिए सपा अब जनेश्वर मिश्रा को याद कर रही है।
बसपा प्रमुख ने गुरुवार सुबह अपने ट्वीट में लिखा, ‘स्वर्गीय जनेश्वर मिश्र को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि, लखनऊ में उनके नाम पर पार्क बसपा सरकार ने बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर
बनाया लेकिन सपा सरकार ने उसे बदल दिया। जातिवादी सोच और नफरत के कारण इसका नाम भी बदल दिया गया है जैसे कुछ जिलों के नाम आदि, यह किस तरह का सम्मान है?”
यूपी के जिलों में यहां बसपा के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन की अपार सफलता के बाद, सपा को अब भाजपा सरकार द्वारा प्रताड़ित जनेश्वर मिश्रा और उनके समाज की याद आ गई है। अगर यह सब उनके लिए ड्रामा नहीं है
राजनीतिक स्वार्थ और सस्ती लोकप्रियता, फिर क्या है?” उसने पूछा।
समाजवादी पार्टी आज राज्य भर में विभिन्न मुद्दों पर अपनी ‘साइकिल यात्रा’ की शुरुआत करेगी, पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव इस अवसर पर लखनऊ में छह किलोमीटर तक पैदल यात्रा करेंगे। यादव सुबह 10 बजे समाजवादी पार्टी मुख्यालय 19 विक्रमादित्य मार्ग से जनेश्वर मिश्र पार्क में पदयात्रा करेंगे. उनकी पत्नी और पूर्व सांसद डिंपल यादव कन्नौज में साइकिल यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना करेंगी.