9 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने वाला है. राज्य में सरकार बनेगी या राष्ट्रपति शासन लागू होगा इसको लेकर भी संशय आज खत्म होने वाला है. गुरुवार को राज्यपाल बीएस कोश्यारी ने कानूनी पहलुओं और संवैधानिक मुद्दों पर महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी से राजभवन में चर्चा की थी. इस बीच भाजपा और शिवसेना के बीच तनातनी चरम पर पहुंच चुकी है. इसे देखते हुए जल्द सरकार गठन के आसार कम हैं और राष्ट्रपति शासन की आशंका गहराने लगी है. महाराष्ट्र के पूर्व महाधिवक्ता श्रीहरि एनी ने बताया कि नौ नवंबर के बाद सरकार गठन के सारे विकल्प बंद हो जाएंगे क्योंकि कानून में इसका प्रावधान नहीं है.
वहीं शिवेसना सांसद संजय राउत ने कहा, ‘अगर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगता है तो यह जनादेश का अपमान होगा. महाराष्ट्र न तो झुक रहा है, न दिल्ली के सामने कभी झुकेगा.’
आप को बता दें महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आए आज दो हफ्ते हो चुके हैं, लेकिन अभी भी राज्य में सरकार गठन को लेकर किसी भी पार्टियों के बीच समझौता होता नहीं दिख रहा है. अगर आज महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कोई ऐलान नहीं किया जाता है, तो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा देना पड़ सकता है. इसी के साथ सभी मंत्रियों को भी अपनी सरकारी गाड़ियां और बाकी सुविधाओं को वापस करना पड़ सकता है. खबर है कि शिवसेना बीजेपी के बीच अभी भी किसी तरह की बातचीत नहीं हुई हैं. हालांकि, महाराष्ट्र की बदलती राजनीति पर राज्यपाल लगातार नजर जमाए हुए हैं.
इस बीच कांग्रेस ने हॉर्स ट्रेडिंग की आशंका जाहिर की है. कांग्रेस का कहना है कि उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश हो रही है. खबर है कि कांग्रेस अपने विधायकों को जयपुर के किसी होटल में शिफ्ट कर रही है. इसके पहले हार्स ट्रेडिंग के डर से शिवसेना ने भी अपने विधायकों को होटल में शिफ्ट करा दिया है.