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भारत जोड़ो यात्रा के समापन के मौके पर राहुल गांधी ने भारी बर्फबारी के बीच श्रीनगर में भाषण

[Edited By: Rajendra]

Monday, 30th January , 2023 03:40 pm

भारत जोड़ो यात्रा के समापन के मौके पर राहुल गांधी ने भारी बर्फबारी के बीच श्रीनगर में कश्मीर पोशाक ‘फेरन’ पहनकर भाषण दिया। उन्होंने इस दौरान जम्मू-कश्मीर में पैदल यात्रा करने के अपने फैसले पर भी बात की। उन्होंने कहा कि यहां यात्रा शुरू करने से पहले मुझे डर दिखाया गया। सुरक्षा को खतरा होने की बात कही गई थी। लेकिन यहां आकर पता चला कि असल में कश्मीरियत का अर्थ क्या है। राहुल गांधी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने मुझे हैंड ग्रेनेड नहीं दिया बल्कि दिल खोलकर प्यार दिया। मैं चार दिन यहां टीशर्ट पहनकर चला और चुनौती दी कि हिम्मत है तो इसके सफेद रंग को लाल कर दो। राहुल गांधी ने कहा कि मैंने फैसला लिया था कि मैं पैदल चलूंगा तो बहुत से लोगों ने मुझे डराया।

उन्होंने कहा कि मैं रोज 8 से 10 किलोमीटर दौड़ता था, इसलिए मुझे लगता था कि मेरे लिए भारत जोड़ो यात्रा कठिन नहीं होगी। मगर पैर में पहले की एक चोट उभर गई, तो सोचा कि 3700 किमी। कैसे चल पाऊंगा। लेकिन किसी तरह कर लिया।’ राहुल ने कहा कि इस यात्रा के दौरान बहुत कुछ सीखने को मिला। राहुल गांधी ने कहा कि ‘जब मैं कन्याकुमारी से आगे बढ़ रहा था, तब मुझे ठंड लग रही थी। मैंने कुछ बच्चे देखे। वे गरीब थे, उन्हें ठंड लग रही थी, वे मजदूरी कर रहे थे और कांप रहे थे। मैंने सोचा ठंड में ये बच्चे स्वेटर-जैकेट नहीं पहन पा रहे हैं, तो मुझे भी नहीं पहनना चाहिए।

राहुल गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कई महिलाएं मुझसे मिलकर रोईं। उन्होंने बताया कि उनके रिश्तेदारों ने उनके साथ दुष्कर्म किया। उन्होंने पुलिस से बताने के लिए भी मुझे मना किया। राहुल गांधी ने कहा कि ‘इसी रास्ते से काफी साल पहले मेरे पुरखे ऊपर से नीचे आए और गंगा किनारे इलाहाबाद गए। इसलिए जब श्रीनगर आया तो मुझे लगा कि मैं अपने घर जा रहा हूं। मैं हमेशा सरकारी घरों में रहा, मेरा अपना कोई घर नहीं है।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि मैं यहां तैनात सीआरपीएफ, बीएसएफ और सेना के जवानों से कहना चाहता हूं कि मैं हिंसा को समझता हूं। इसे मैं समझता हूं। जिन लोगों ने इसे नहीं देखा है, वे इसे नहीं समझ पाएंगे। पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और आरएसएस के लोग इसे नहीं समझ सकते। हम यहां 4 दिन पैदल चले। मैं आपको गारंटी देता हूं कि भाजपा का कोई नेता ऐसे नहीं चल सकता। ऐसा इसलिए नहीं कि जम्मू-कश्मीर के लोग उन्हें चलने नहीं देंगे बल्कि वे डरते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि मैं जब 14 साल का था और स्कूल में जियोग्राफी की क्लास में था। तब मेरी एक टीचर पास आईं और कहा कि आपको प्रिंसिपल ने बुलाया है। मैं जब प्रिंसिपल के पास पहुंचा तो उन्होंने कहा कि घर से कॉल है। मैंने जब बात की तो मां के साथ काम करने वाली एक महिला जोर से चिल्लाते हुए बोली- राहुल, दादी को गोली मार दी गई।

राहुल गांधी ने कहा कि ये बातें जो मैं कह रहा हूं वे पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह को समझ नहीं आएंगे। लेकिन कश्मीर के लोग, सेना और सीआरपीएफ के लोग इसे समझ सकते हैं। पुलवामा में शहीद सैनिकों के बच्चों के दिलों पर क्या गुजरी यह मैं जानता हूं। यहां कश्मीरी लोगों की हत्या जब होती है तो क्या होता है, यह मैं और मेरी बहन अच्छे से समझते हैं। कल एक पत्रकार ने पूछा कि यात्रा से क्या हासिल करना चाहते हो। यात्रा का लक्ष्य है कि ऐसे फोन कॉल बंद हो जाएं, जहां किसी के मरने की खबरें मिलती हों।

राहुल गांधी ने कहा कि हमने यह यात्रा उस विचारधारा को मजबूत करने के लिए निकाली है, जो देश की नींव रही है। मैं जानता हूं कि यदि हम मोहब्बत से खड़े होंगे और प्यार से बात रखेंगे तो हमें सफलता मिलेगी। हम उनकी विचारधारा को न सिर्फ हराएंगे बल्कि उनके दिलों से भी निकाल देंगे। हमारी कोशिश है कि भाजपा ने जीने का एक राजनीतिक तरीका दिखाया है। हमारी कोशिश है कि हम एक और तरीका दिखाएं, जो मोहब्बत का तरीका है और हिंदुस्तान का है। हमने एक छोटा सा कदम उठाया है और हम नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने की कोशिश कर रहे हैं।

 

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