Trending News

सचिन पायलट और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बीच के मनमुटाव का स्थाई फॉर्मूला निकालेंगे राहुल गांधी

[Edited By: Rajendra]

Saturday, 15th April , 2023 08:39 pm

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के अपनी ही कांग्रेस सरकार के खिलाफ बागी तेवरों के बाद जयपुर से लेकर दिल्ली तक हलचलें तेज़ हो गई हैं। पायलट की नाराज़गी दूर करने और सीएम अशोक गहलोत से सुलह करवाने को लेकर आलाकमान अपना पूरा ज़ोर लगाने में लगा है। उच्च पदस्त सूत्रों से जानकारी सामने आई है कि सचिन पायलट की मान-मनव्वल पहले सीनियर नेता करेंगे, जबकि आखिरी दौर की बातचीत का ज़िम्मा कांग्रेस नेता राहुल गांधी संभालेंगे। प्रदेश कांग्रेस के सियासी संकट का समाधान खोजने की इसी कड़ी में मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शुक्रवार को नई दिल्ली में सचिन पायलट से करीब दो घंटे तक चर्चा की। इस दौरान संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी साथ रहे। चर्चा के दौरान पायलट और गहलोत के बीच मतभेद को खत्म करने के तरीकों पर बात हुई। अन्य नेताओं के साथ भी मंथन चल रहा है। जरूरत पड़ी तो कमलनाथ सीएम गहलोत से भी चर्चा करेंगे। आखिर में राहुल से बात कर सुलह का स्थाई फॉर्मूला निकालेंगे। पायलट से चर्चा के बाद कमलनाथ ने पत्रिका से कहा, सब-कुछ ठीक हो जाएगा।

सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट ने कमलनाथ और वेणुगोपाल के सामने अपनी शिकायतें रखीं और पार्टी से उनके प्रति अपना व्यवहार बदलने को कहा। सचिन ने यह भी साफ किया कि उनका अनशन पार्टी विरोधी नहीं था, बल्कि उन्होंने जनहित के मुद्दे को उठाया है। कमलनाथ ने बताया कि अभी उनका राजस्थान जाने का कोई कार्यक्रम नहीं है। कांग्रेस के पुराने अनुभव सामने हैं। इनसे सबक लेते हुए पार्टी ऐसी कोई गलती नहीं करना चाहती, जिससे नुकसान हो। पंजाब में आपसी विवाद के चलते कांग्रेस को सरकार गंवानी पड़ी। मध्यप्रदेश में भी कुछ इसी प्रकार की स्थिति बनी। यहां ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थामने के कारण सरकार अल्पमत में आई। इसलिए राजस्थान के मामले में कांग्रेस को कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।

राजस्थान में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी में बड़ा बवाल मच गया है। एक तरफ जहां बाकी के राजनीतिक दल वोटरों को साधने में जुटे हैं तो वहीं, कांग्रेस अपने दो सबसे बड़े नेताओं के बीच के विवाद को शांत करने में परेशान सी दिख रही है। दरअसल, बीते दिनों कांग्रेस नेता सचिन पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठ गए थे। कांग्रेस ने पायलट के इस अनशन को पार्टी विरोधी बताया था। बावजूद, कांग्रेस की ओर से अब तक पायलट के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है। कांग्रेस पायलट को लेकर फूंक-फूंककर कदम रख रही है। वहीं दूसरी ओर पायलट को मनाने के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ को भी जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। ऐसे में कांग्रेस की ओर से पायलट को कई ऑफर दिए गए हैं लेकिन पायलट को क्या चाहिए उन्होंने यह साफ पार्टी से बता दिया।

सचिन पायलट और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बीच का मनमुटाव जगजाहिर है। सीएम गहलोत से यह सवाल पूछते हुए कि 'पूर्व के भाजपा सरकार में जो करप्शन हुए उनपर कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया?' पायलट एक दिन के अनशन पर बैठ गए। नाराज पायलट को मनाने के लिए बीते दिनों कांग्रेस पार्टी ने कमलनाथ और केसी वेणुगोपाल को पायलट से बातचीत करने को कहा था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कमलनाथ और पायलट के बीच करीब एक घंटे की बातचीत चली। इस बातचीत में कमलनाथ ने पायलट को कई सारे ऑफर दिए।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पायलट को यह ऑफर दिया गया कि उन्हें कांग्रेस कार्यसमिति में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा कांग्रेस की ओर से उन्हें स्क्रीनिंग कमेटी में शामिल करने का ऑफर भी दिया गया। कांग्रेस यह नहीं चाहती है कि चुनाव से पहले उसे गहलोत-पायलट विवाद के चलते कोई नुकसान हो। इसके लिए कांग्रेस ने पायलट को दो बड़े ऑफर दिए। कांग्रेस ने पायलट से कहा कि राजस्थान चुनाव में टिकट के बंटवारे में उन्हें बड़ा रोल दिया जाएगा। इसके अलावा कांग्रेस की ओर से एक ऐसा ऑफर भी दिया गया जिसे लेकर पायलट ने साफ मना कर दिया और अपना मंशा भी बता दिया।

कांग्रेस की ओर से पायलट को दिए गए कई ऑफर में एक ऑफर यह भी था कि उन्हें दिल्ली में कोई बड़ा पद या जिम्मेदारी दी जाएगी। इस ऑफर को पायलट से ठुकरा दिया। सूत्रों के मुताबिक, पायलट ने कहा कि वह राजस्थान छोड़कर कहीं नहीं जाना चाहते हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि कांग्रेस के ऑफर सचिन पायलट को रास नहीं आए। इसके अलावा पायलट से अपनी मंशा भी साफ कर दी। उन्होंने आलाकमान तक यह मैसेज पहुंचा दिया कि उन्हें दिल्ली में कोई रुचि नहीं है।

दरअसल, पायलट-गहलोत मामले को सॉल्व करने का जिम्मा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, कमलनाथ और पायलट के बीच मुलाकात में पायलट ने कहा कि 'पार्टी में उनकी गरिमा को बहाल की जानी चाहिए।' इस मीटिंग में कमलनाथ ने पायलट से यह भी पूछा कि उनके और गहलोत के बीच के विवाद को कैसे दूर किया जा सकता है? वहीं सूत्रों से यह भी पता चला कि पायलट के अनशन को पार्टी विरोधी कहे जाने वाली बात से पायलट खासा नाराज है।

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, प्रदेश में साढ़े चार साल से कुर्सी का खेल चल रहा है। सीएम अशोक गहलोत को कुर्सी जाने का डर है और सचिन पायलट को कुर्सी पाने की ललक है। सचिन पायलट के भाजपा में आने के सवाल पर कहा, भाजपा की रीतियों-नीतियों में विश्वास रखने वाले, पीएम नरेंद्र मोदी को अपना नेता मानने वाले हर किसी नेता का पार्टी में स्वागत है।

Latest News

World News