पीएम मोदी को मॉब लिंचिंग मामले पर चिट्ठी लिखने वाली 49 हस्तियों पर फ़िल्म जगत के ही प्रसून जोशी, कंगना रनौत, विवेक अग्निहोत्री समेत 62 लोगों ने भी खुला ख़त लिखकर सीधा हमला बोला है। 49 हस्तियों ने जहाँ लिन्चिंग और ‘जय श्रीराम’ के नाम पर हो रहे हमले को रोकने का प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया था वहीं 62 फ़िल्मी हस्तियों ने उन सभी पर ‘गिने-चुने मामलों में ग़ुस्सा दिखाने’, ‘झूठे नैरेटिव तैयार करने’ और ‘राजनीतिक पूर्वाग्रह रखने’ का आरोप लगाया। उन्होंने सरकार की आलोचना करने वाले 49 लोगों को लिखा, ‘...वास्तव में हम मानते हैं कि मोदी शासन में सरकार की आलोचना करने और अलग-अलग विचारों के रखने की सबसे ज़्यादा आज़ादी है। असहमति की भावना रखने की छूट इससे ज़्यादा कभी भी नहीं रही।’
भीड़ की हिंसा पर 49 लोगों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र के विरोध में खुला पत्र लिखने वाले 62 शामिल हस्तियों में अभिनेत्री कंगना रनौत भी शामिल हैं। उन्होंने कहा है, 'कुछ लोग अपनी पॉवर का दुरुपयोग कर रहे हैं, ताकि लोगों तक किस तरह ये संदेश पहुंचाया जा सके कि इस सरकार में सबकुछ गलत हो रहा है, जबकि ऐसा नहीं है पहली बार चीजें सही दिशा में जा रही हैं। हम एक बड़े बदलाव का हिस्सा हैं, देश की बेहतरी के लिए चीजें बदल रही हैं और कुछ लोग इससे झुंझलाहट में हैं। आम लोगों ने अपने नेताओं को चुना है। जो लोगों की इच्छा की अवहेलना करते हैं वे लोकतंत्र के लिए कोई सम्मान या विचार नहीं रखते हैं।'
वहीं फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर ने कहा है कि, 'जब लोगों को 'जय श्री राम' कहने के लिए जेल में डाल दिया जाता है या जब दिल्ली में एक मंदिर पर हमला किया जाता है तो वे (49 लोग जिन्होने पीएम को लिखा पत्र) कुछ नहीं बोलते हैं। दरअसल देश में वैकल्पिक नाराजगी चल रही है।उन 62 हस्तियों में गीतकार प्रसून जोशी भी शामिल हैं, जिन्होंने पीएम मोदी को मॉब लिंचिंग पर लिखे खत के विरोध में खुला पत्र लिखा है। गीतकार प्रसून जोशी ने कहा है कि वे (पीएम मोदी को लिखे 49 लोग) लोग जानबूझकर ऐसा दिखाने की कोशिश करते हैं कि यहां गलत काम प्रचलित है- ऐसा करके ऐसे लोग बेइमानी से झूठी कहानी बनाते हैं।
अभिनेता-अभिनेत्री, फिल्मकार, सामाजिक कार्यकर्ता, इतिहासकार समेत विभिन्न क्षेत्रों के 49 बुद्धिजीवियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम असहिष्णुता को लेकर खुला पत्र लिखा है, जिसमें दलित व अल्पसंख्यकों के प्रति बढ़ती हिंसा पर प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की गई है।
पत्र में मॉब लिंचिंग के दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है। इसमें कहा गया-'अफसोस की बात है कि जय श्रीराम का आज उकसाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। यह एक भड़काऊ नारा बन गया है। भारत में अल्पसंख्यक समुदायों को राम के नाम पर डराया जा रहा है। राम की अवमानना करने पर रोक लगाने की जरूरत है।'
पत्र में दावा किया गया कि 29 अक्टूबर, 2018 से जनवरी, 2019 के दौरान देश में 254 से ज्यादा धार्मिक पहचान पर आधारित नफरत वाले अपराध दर्ज किए गए हैं। पत्र में पूछा गया है कि इन मामलों के दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है?' पत्र में मशहूर फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल, अदूर गोपालकृष्णन, इतिहासकार रामचंद्र गुहा, मणिरत्नम, अनुराग कश्यप, अपर्णा सेन, विनायक सेन, सौमित्र चटर्जी, गौतम घोष, कौशिक सेन, कोंकणा सेनशर्मा समेत कुल 49 हस्तियों के नाम हैं।