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लखनऊ चौराहे पर अखिलेश यादव के खिलाफ लगे पोस्टर, पीटने वाले पत्रकार की भी फोटो वायरल

[Edited By: Punit tiwari]

Monday, 15th March , 2021 12:41 pm

लखनऊ-मुरादाबाद में पत्रकारों की पिटाई के मामले में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर दर्ज FIR का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सोमवार को लखनऊ के 1090 चौराहे पर एक विवादित होर्डिंग दिखी। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर दर्ज मामलों को वापस लिए जाने और अखिलेश यादव पर दर्ज कराए गए मामलों का जिक्र है। पुलिस प्रशासन ने विवादित होर्डिंग को हटाया है। पुलिस अब होर्डिंग लगाने वाले की तलाश कर रही है।

होर्डिंग में एक तरफ अखिलेश यादव की फोटो तो उनके बगल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फोटो है। जिसका शीर्षक मुकदमे लगाइए और मुकदमे हटाइए दिया गया है। फोटो के नीचे मुकदमों का जिक्र है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फोटो के नीचे IPC की धारा 147, 148, 149, 153A, 295, 297, 307, 336, 435, 504, 506 व 527 आदि लिखा गया है। अखिलेश यादव की फोटो के साथ IPC की धारा 147 (दंगा), 342 (गलत तरीके से रोकना), और 323 (चोट पहुंचाने) का जिक्र है। होर्डिंग में यह कहीं भी नहीं दर्शाया गया है कि इसे किसके द्वारा लगाया गया है। पुलिस को शक है कि इसे सपा कार्यकर्ताओं द्वारा ही लगवाया गया होगा। पत्रकारों से मारपीट के मामले में एसपी जिला अध्यक्ष जयवीर सिंह ने भी मामला दर्ज कराया है। उन्होंने पत्रकार फरीद शम्सी और उबैद उर रहमान के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।

वहीं साथ ही निजी टीवी चैनल के पत्रकार फरीद शम्सी की दो तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। पहली तस्वीरें में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार और बीजेपी प्रवक्ता के साथ है पत्रकार फरीद शम्सी खड़े दिखाई दे रहे है। कहा जा रहा है कि दोनों की दोस्ती बहुत गहरी है। वहीं दूसरी तस्वीर में पत्रकार फरीद शम्सी बीजेपी का झंडा ओठ लिया है। तो पत्रकारिता के पेश में रहकर किसी को शोभा नहीं देता। इन तस्वीरों के वायरल होने के बाद इस बात पर एक बार फिर संदेह खड़ा होता है क्या सच में मुरादाबाद में अखिलेश यादव की प्रेस कॉफ्रेंस में जो हुआ वो कहीं सत्ताधारियों के लिए काम कर रहे पत्रकारों की करतूत तो नहीं थी।

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