घाटी में नागरिकों पर हाल ही में हुए आतंकी हमलों को देखते हुए जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को पांच घंटे की समीक्षा बैठक की, साथ ही गृह मंत्री शाह ने अधिकारियों को आतंकवादियों को पकड़ने और जांच करने के निर्देश दिया। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से 2021 में जम्मू-कश्मीर में 97 आतंकी हमले हुए हैं, आंकड़ों के हिसाब से 71 सुरक्षा बलों और 26 नागरिकों पर आतंकी हमले हुए हैं। केंद्र ने जम्मू-कश्मीर में निर्दोष लोगों की हत्याओं की कड़ी निंदा की है।
जम्मू-कश्मीर भाजपा के मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी ने कहा, "ये हमले राष्ट्र विरोधी, मानव विरोधी और कश्मीर विरोधी हैं। यह घाटी में आने वाले लोगों को निराश होने के लिए संकेत भेजता है, जो अन्य बातों के साथ-साथ घाटी में जनता को प्रभावित करेगा। यह केंद्र शासित प्रदेश में चल रही शांति प्रक्रिया और विकास गतिविधियों को पटरी से उतारने का एक प्रयास है।" इस बीच, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने अल्पसंख्यकों से घाटी नहीं छोड़ने की अपील करते हुए कहा कि हाल ही में नागरिकों की हत्याओं के अपराधियों को उनके "बुरे मंसूबों" में सफल होने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा "मेरी ओर से, मैं उन सभी से हार्दिक अपील कर रहा हूं जो डर के मारे घाटी छोड़ने की सोच रहे होंगे। कृपया ऐसा न करें। हम अपराधियों को उनके बुरे मंसूबों में सफल नहीं होने दे सकते। बाहर। हम में से अधिकांश लोग नहीं चाहते कि आप जाएं।"
The targeted attacks in Kashmir are designed to drive fissures & widen the gap between communities. We cannot let terror dictate who lives here & who doesn’t. It is imperative that all of us belonging to the majority community reach out to those who today fear for their lives.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) October 7, 2021
घाटी में हुए हमलों पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने केंद्र को जिम्मेदार ठहराया है साथ ही आरोप लगाया है कि वह सुरक्षा के नाम पर स्थानीय लोगों पर प्रतिबंध लगा रही है। उन्होंने कहा, "यह 'डबल इंजन' सरकार की विफलता है। मुझे डर है कि इन घटनाओं के बाद उन्हें कश्मीर पर और प्रतिबंध लगाने का बहाना मिल जाएगा।"