नई दिल्ली- देशभर में आज संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जा रही है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी बाबा साहेब को नमन किया। उन्होंने लिखा, 'भारतीय संविधान के प्रमुख शिल्पी बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि! डॉ. आंबेडकर ने समतामूलक न्यायपूर्ण समाज बनाने के लिए आजीवन संघर्ष किया। आज हम उनके जीवन तथा विचारों से शिक्षा ग्रहण करके उनके आदर्शों को अपने आचरण में ढालने का संकल्प लें।
भारतीय संविधान के प्रमुख शिल्पी, बाबासाहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि! डॉ आंबेडकर ने समतामूलक न्यायपूर्ण समाज बनाने के लिए आजीवन संघर्ष किया। आज हम उनके जीवन तथा विचारों से शिक्षा ग्रहण करके उनके आदर्शों को अपने आचरण में ढालने का संकल्प लें।
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 14, 2021
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 130वीं जयंती पर पीएम मोदी ने उन्हें नमन किया है। इसके अलावा पीएम मोदी ने पुथांडू, बोहाग बिहू पर्व और नव वर्ष की भी शुभकामनाएं दी। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा कि "भारत रत्न डॉ बाबासाहेब अंबेडकर को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए किया गया उनका संघर्ष हर पीढ़ी के लिए एक मिसाल बना रहेगा।
भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए किया गया उनका संघर्ष हर पीढ़ी के लिए एक मिसाल बना रहेगा।
— Narendra Modi (@narendramodi) April 14, 2021
I bow to the great Dr. Babasaheb Ambedkar on #AmbedkarJayanti.
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को नमन किया है। उन्होंने लिखा किबाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर मैं उन्हें सादर नमन करता हूं। संविधान निर्माता के रूप मे उनका जो योगदान है उसका यह देश हमेशा ऋणी रहेगा। आधुनिक भारत की नींव तैयार करने में उनकी महती भूमिका रही है। बाबासाहेब की प्रेरणा से उसी नींव पर हम नए भारत का निर्माण कर रहे हैं।"
बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर मैं उन्हें सादर नमन करता हूँ। संविधान निर्माता के रूप मे उनका जो योगदान है उसका यह देश हमेशा ऋणी रहेगा। आधुनिक भारत की नींव तैयार करने में उनकी महती भूमिका रही है। बाबासाहेब की प्रेरणा से उसी नींव पर हम नए भारत का निर्माण कर रहे हैं।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) April 14, 2021
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अम्बेडकर जयंती के उपलक्ष्य पर डॉ. अम्बेडकर को नमन किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा-महान स्वाधीनता संग्राम सेनानी, संविधान शिल्पी, सामाजिक न्याय के प्रणेता, अद्वितीय विधिवेत्ता 'भारत रत्न' बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी को उनकी जयंती पर नमन। आपके द्वारा पोषित सामाजिक न्याय एवं समतामूलक समाज का दीप सदैव प्रज्ज्वलित रहेगा।
महान स्वाधीनता संग्राम सेनानी, संविधान शिल्पी, सामाजिक न्याय के प्रणेता, अद्वितीय विधिवेत्ता 'भारत रत्न' बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी को उनकी जयंती पर नमन।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) April 14, 2021
आपके द्वारा पोषित सामाजिक न्याय एवं समतामूलक समाज का दीप सदैव प्रज्ज्वलित रहेगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी बाबासाहेब को उनकी जयंती पर नमन किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि सामाजिक समरसता के अग्रदूत, संविधान के शिल्पकार, भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी द्वारा भारतीय संविधान के निर्माण में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान के लिए देशवासी सदैव उनके प्रति कृतज्ञ रहेंगे। आज उनकी जयंती पर उन्हें शत शत नमन और भावपूर्ण श्रद्धांजलि।
महान स्वाधीनता संग्राम सेनानी, संविधान शिल्पी, सामाजिक न्याय के प्रणेता, अद्वितीय विधिवेत्ता 'भारत रत्न' बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी को उनकी जयंती पर नमन।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) April 14, 2021
आपके द्वारा पोषित सामाजिक न्याय एवं समतामूलक समाज का दीप सदैव प्रज्ज्वलित रहेगा।
बता दें कि भारत के संविधान निर्माता, चिंतक, समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। भीमराव रामजी अंबेडकर को बाबा साहेब के नाम से भी पहचाना जाना जाता है, वो भारतीय राजनीतिज्ञ, न्यायविद और अर्थशास्त्री थे। बाबा साहेब ने हिंदू जाति व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ी और छुआछूत के खिलाफ भेदभाव का विरोध किया।
2015 से अम्बेडकर जयंती को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया गया है। उन्हें 31 मार्च 1990 को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। बाबासाहेब का जीवन सचमुच संघर्ष और सफलता की ऐसी अद्भुत मिसाल है। उन्होंने दलितों और पिछड़ों को उनका अधिकार दिलाने के लिए जीवन भर संघर्ष किया। उनके योगदान को देखते हुए हर साल उनके जन्मदिन को अंबेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है।