[Edited By: Punit tiwari]
Thursday, 18th February , 2021 03:01 pmअसम-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 'महाबाहु-ब्रह्मपुत्र' का उद्घाटन किया। इसके साथ ही पीएम मोदी आज गुरुवार (18 फरवरी) को धुबरी-फूलबारी पुल की आधारशिला रखी। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर कहा, ब्रह्मपुत्र पर कनेक्टिविटी से जुड़े जितने काम पहले होने चाहिए थे, उतने पहले नहीं हुए हैं। इसकी वजह से असम और नार्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी एक चुनौती बनी रही। लेकिन अब महाबाहु ब्रह्मपुत्र के आशीर्वाद से अब इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है।
पीएम मोदी ने कहा, बीते वर्षों में केंद्र और असम की डबल इंजन सरकार ने इस पूरे क्षेत्र की भौगोलिक और सांस्कृतिक दोनों प्रकार की दूरियों को कम करने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने कहा, असम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट की फिजीकल और कल्चरल इंट्रीग्रिटी को बीते वर्षों में सशक्त किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलामी के कालखंड में भी असम देश के सम्पन्न और अधिक राजस्व देने वाले राज्यों में से था। कनेक्टिविटी का नेटवर्क असम की समृद्धि का बड़ा कारण था। आजादी के बाद इस इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाना जरूरी था, लेकिन इन्हें अपने ही हाल पर छोड़ दिया गया। अब असम का विकास प्राथमिकता में भी है, इसके लिए दिन रात प्रयास भी हो रहा है। बीते 5 वर्षों में असम की मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को फिर से स्थापित करने के लिए एक के बाद एक कदम उठाए गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ब्रह्मपुत्र पर कनेक्टिविटी से जुड़े जितने काम पहले होने चाहिए थे, उतने पहले नहीं हुए। इसकी वजह से असम और नार्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी एक चुनौती बनी रही। महाबाहु ब्रह्मपुत्र के आशीर्वाद से अब इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि बीते वर्षों में केंद्र और असम की डबल इंजन सरकार ने इस पूरे क्षेत्र की भौगोलिक और सांस्कृतिक दोनों प्रकार की दूरियों को कम करने का प्रयास किया है। असम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट की भौतिक और सांस्कृतिक अखंडता को बीते सालों में सशक्त किया गया है।
धुबरी फूलबारी पुल को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि असम और मेघालय के बीच की दूरी सड़क मार्ग से लगभग 250 किलोमीटर है। भविष्य में, यह केवल 19-20 किलोमीटर होगा। यह पुल अन्य देशों को यातायात के अंतरराष्ट्रीय आवागमन के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि असमवासियों की वर्षों पुरानी मांग आज पुल के भूमिपूजन के साथ ही पूरी होनी शुरू हो गई है। कालीबाड़ी घाट से जोरहाट को जोड़ने वाला 8 किमी का ये पुल मजूली के हजारों परिवारों की जीवन रेखा बनेगा। ये ब्रिज आपके लिए सुविधा और संभावनाओं का सेतु बनने वाला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिन असम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट के लिए इस व्यापक विजन को विस्तार देने वाला है। मजूली में असम का पहला हैलीपोड भी बन चुका है। अब मजूलीवासियों को सड़क का भी तेज और सुरक्षित विकल्प मिलने वाला है। आपकी वर्षों पुरानी मांग आज पुल के भूमि पूजन के साथ शुरु हो गई है। ब्रह्मपुत्र और बराक सहित असम को अनेक नदियों को जो सौगात मिली है। उसे समृद्ध करने के लिए आज महाबाहु ब्रह्मपुत्र कार्यक्रम शुरु किया गया है। ये कार्यक्रम ब्रह्मपुत्र के जल से इस पूरे क्षेत्र में वॉटर कनेक्टिविटी को सशक्त करेगा।
बता दें धुबरी फूलबाड़ी पुल को बनाने में लगभग 4,997 करोड़ रुपये की लागत आई है। इसकी मांग असम और मेघालय में लंबे वक्त से की जा रही थी।