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तृणमूल कांग्रेस की पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनाव में एकतरफा जीत

[Edited By: Rajendra]

Wednesday, 12th July , 2023 02:39 pm

तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनाव में एकतरफा जीत हासिल की है। इस चुनाव में टीएमसी को 3317 सीटों में से कुल 2552 सीटें जीती हैं। 232 पंचायत समिति और 20 में से 12 जिला परिषद सीटों पर भी टीएमसी को जीत हासिल हुई है। जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दूसरे स्थान पर रही। बीजेपी को कुल 212 ग्राम पंचायत और सात पंचायत समिति में जीत मिली है। हालांकि, जिला परिषद में बीजेपी का खाता नहीं खुल सका है। अभी भी कई सीटों पर चुनाव परिणाम का इंतजार है।

पंचायत चुनाव में अपने शानदार प्रदर्शन को लेकर सीएम ममता बनर्जी ने फेसबुक पर एक पोस्ट भी लिखा। उन्होंने लिखा कि पंचायत चुनाव में टीएमसी का बोल बाला रहा। हम इस जीत के लिए जनता का शुक्रिया अदा करते हैं। हम इस प्यार और समर्थन के लिए भी शुक्रगुजार हैं। इस चुनाव परिणाम ने ये साबित कर दिया है राज्य की जनता के दिलों में सिर्फ टीएमसी ही बसती है।

पंचायत चुनाव के लिए वोटों की गिनती मंगलवार सुबह शुरू हुई थी। यह चुनाव राजनीतिक पार्टियों के लिए मुख्य रूप से 74,000 से अधिक सीटों पर अपने कब्जे के लिए है। इन सीटों में 63,229 ग्राम पंचायत सीटें, 9,730 पंचायत समिति सीटें और 928 जिला परिषद सीटें शामिल हैं। टीएमसी बंपर बढ़त बनाए हुए है। ग्राम पंचायत में 29000 सीटें जीत चुकी है। वहीं भाजपा 7,764 सीटों पर जीत के साथ दूसरे नंबर पर है। पंचायत समिति और जिला परिषद में भी ममता की पार्टी आगे है।

पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों की मतगणना के रुझानों के अनुसार, राज्य के अधिकांश हिस्सों में विपक्षी दलों से काफी आगे होने के बावजूद सत्तारूढ़ टीएमसी को पूर्वी मिदनापुर जिले के नंदीग्राम में बड़ा झटका लगा है। नंदीग्राम विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है। अधिकारी नंदीग्राम से बीजेपी विधायक भी हैं, जहां उन्होंने 2021 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 1,956 वोटों के अंतर से हराया था। बनर्जी बाद में उपचुनाव में कोलकाता के भबानीपुर से निर्वाचित होकर विधानसभा में पहुंची थीं।

पंचायत चुनावों में नंदीग्राम-II ब्लॉक के अंतर्गत बोयाल-I, बोयाल-II, खोडांबरी-I और खोडांबरी-II के ग्राम पंचायत क्षेत्रों में बीजेपी का प्रदर्शन महत्वपूर्ण रहा है। वहां की कुल 61 ग्राम पंचायत सीटों में से 37 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार या तो जीत गए हैं या आगे हैं। इसके बाद 23 सीटों पर टीएमसी के उम्मीदवार और एक निर्दलीय उम्मीदवार है।

बोयाल- I में बीजेपी के उम्मीदवारों ने 13 सीटों में से आठ पर जीत हासिल कर ली है या आगे हैं, और टीएमसी को पांच सीटों से पीछे धकेल दिया है। बोयाल-II में नौ सीटें बीजेपी के पक्ष में हैं, जबकि टीएमसी के पास छह और एक निर्दलीय उम्मीदवार के पक्ष में गई है। खोडांबरी- I में बीजेपी ने 15 में से आठ सीटें जीतीं, उसके बाद टीएमसी ने सात सीटें जीतीं। खोडांबरी-द्वितीय में, 17 में से 12 सीटें बीजेपी के पक्ष में हैं। पांच पर टीएमसी जीत गई है।

शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि नंदीग्राम के नतीजे इस तथ्य को दर्शाते हैं कि लोगों ने टीएमसी को खारिज कर दिया है, उन्‍होंने टीएमसी के 'गुंडों' का विरोध किया और अपना वोट डाले। उन्‍होंने कहा, “अगर नंदीग्राम की यह तस्वीर पूरे राज्य में दिखाई देती, तो अधिकांश जिलों में टीएमसी अल्पसंख्यक हो गई होती। लेकिन सत्तारूढ़ दल टीएमसी के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी।

बता दें कि इस चुनाव को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की लोकप्रियता की परीक्षा के रूप में देखा जा रहा था। इस चुनाव के दौरान कई स्थानों से हिंसा की भी खबरें आ रही थीं। जिसके बाद टीएमसी और बीजेपी के बीच इस हिंसा लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला।

सोमवार को भी रीपोलिंग के दौरान एक बार फिर कई बूथों पर हिंसा हुई। शनिवार से अब तक चुनाव संबंधी हिंसा में लगभग 40 लोगों की मौत हो चुकी है। चुनावी धोखाधड़ी, बूथ कैप्चरिंग के आरोपों और मतदान के दौरान चुनावी अनियमितताओं और मतदाताओं के दमन की कई रिपोर्टों के बीच 696 बूथों पर पुनर्मतदान हुआ था। दक्षिण 24 परगना के भांगर में मंगलवार रात हिंसा भड़क उठी और गोलियां चलने की खबर भी खबर आई। मिल रही जानकारी के अनुसार इस घटना में अभी तक एक की मौत की आशंका है और एक पुलिस अधिकारी भी घायल हो गया है।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जेपी नड्डा ने सांसदों की एक टीम नियुक्त की है, जिसका मैं संयोजक हूं। यह टीम बंगाल में ग्राम पंचायत चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर हुई हिंसा, हत्या, बम विस्फोट से घटनाओं से प्रभावित सभी क्षेत्रों का दौरा करेगी। हम उन सभी इलाकों और उन सभी लोगों से मिलेंगे जहां हिंसा हुई है और जो लोग इस हिंसा से प्रभावित हुए। हम स्थानीय सरकार से पूछना चाहते हैं कि कि ग्राम पंचायत चुनाव में 40 से ज्यादा लोगों की जान क्यों गईं? इसकी जिम्मेदारी किसकी है। पश्चिम बंगाल में हुई इस हिंसा पर पीएम मोदी के खिलाफ गठबंधन बनाने की कोशिशों में जुटे तथाकथित सहयोगी चुप्पी क्यों साधे हुए हैं? हम दौरा करेंगे और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपेंगे। मुझे उम्मीद है कि ममता सरकार हमें प्रभावित इलाकों का दौरा करने की अनुमति देगी।

वहीं, इस चुनाव परिणाम को लेकर राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौथरी ने कहा कि यहां चुनाव को पहले ही एक तमाशा बना दिया गया है, लोकतंत्र का मखौल उड़ाने का वीभत्स नृत्य सभी ने देखा है। इसकी आशंका तो सभी को थी। हमारी आशंका के अनुसार, हिंसा, सत्तारूढ़ दल और पुलिस के बीच सांठगांठ साफ तौर दिखी। इस चुनाव में अभूतपूर्व पैमाने पर हिंसा फैलाई गई है जिसके परिणामस्वरूप 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। चुनाव परिणाम के बाद भी हिंसा फैलने की आशंका है।

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