आगरा में पुलिस कस्टडी में मृत सफाई कर्मी अरुण की मौत पर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पीड़ित परिजनों से मिलने के लिए आगरा जा रही थीं। लेकिन आगरा एक्सप्रेस-वे पर एंट्री पॉइंट पर पुलिस ने श्रीमती प्रियंका गांधी के काफिले को रोकने की कोशिश की कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प के बाद उन्हें रोक लिया गया। लखनऊ पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है। उन्हें पुलिस लाइन ले जाया गया है। एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने लखनऊ और आगरा में धारा 144 लागू होने का हवाला दिया। कहा कि वहां जाने से लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ सकता है। प्रियंका ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी की मौत पर उनके घर के परिजनों से मुलाकात करने दिए जाने से लॉ आर्डर कैसे बिगड़ सकता है? आप लोगों को खुश करने के लिए क्या मैं लखनऊ के गेस्ट हाउस में आराम से बैठी रहूं। किसी को पुलिस कस्टडी में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है? इसके अलावा प्रियंका ने कहा "जिस क्षण मैं पार्टी कार्यालय के अलावा किसी अन्य स्थान पर जाने की कोशिश करती हूं, तो वे (प्रशासन) मुझे रोकने की कोशिश करते हैं"
प्रियंका ने ट्वीट किया "अरुण वाल्मीकि की मृत्यु पुलिस हिरासत में हुई। उनका परिवार न्याय मांग रहा है। मैं परिवार से मिलने जाना चाहती हूं। उप्र सरकार को डर किस बात का है? क्यों मुझे रोका जा रहा है।
आज भगवान वाल्मीकि जयंती है, पीएम ने महात्मा बुद्ध पर बड़ी बातें की, लेकिन उनके संदेशों पर हमला कर रहे हैं। "
अरुण वाल्मीकि की मृत्यु पुलिस हिरासत में हुई। उनका परिवार न्याय मांग रहा है। मैं परिवार से मिलने जाना चाहती हूं। उप्र सरकार को डर किस बात का है? क्यों मुझे रोका जा रहा है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 20, 2021
आज भगवान वाल्मीकि जयंती है, पीएम ने महात्मा बुद्ध पर बड़ी बातें की, लेकिन उनके संदेशों पर हमला कर रहे हैं।
दरअसल, 20 से अधिक लोगों से पूछताछ के बाद सफाईकर्मी लोहामंडी निवासी अरुण पर पुलिस को शक गहराया। वह वारदात के बाद से थाने नहीं आ रहा था। वह थाने में सफाई करने आता था। पुलिस ने उसके घर दबिश दी तो घर पर 15 लाख रुपए मिले थे। परिजन पैसे के बारे में जानकारी नहीं दे पा रहे थे। पुलिस ने उसके दोनों भाइयों को थाने पर बिठा लिया था। सफाई कर्मचारी को मंगलवार शाम पुलिस ने हिरासत में लिया था। पूछताछ के दौरान वह बीमार पड़ गया, जिसके बाद पुलिस और उसके परिवार ने उसे अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। सफाई कर्मी की मौत के बाद, इस प्रकरण में अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है।