पिछले हफ्ते, राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में प्रेम प्रसंग को लेकर एक दलित युवक की पुरुषों के एक समूह ने कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी थी, अपराधियों ने एक वीडियो भी शूट किया जिसमें कुछ लोगों ने युवा दलित व्यक्ति को डंडों से पीटते हुए दिखाया। उसकी मौत के बाद पीड़िता का शव उसके घर के सामने फेंक दिया गया। बाद में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत अपहरण और हत्या का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने कहा कि घटना को लेकर चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और एक नाबालिग को हिरासत में लिया गया है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने राजस्थान में एक दलित व्यक्ति की हत्या पर चुप्पी को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने पार्टी पर अपने दलित नेताओं को इस मुद्दे पर बोलने से रोकने का भी आरोप लगाया। लगातार ट्वीट्स करते हुए मायावती ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी और उसकी सरकार ने अतीत में दलितों को कोई महत्व नहीं दिया और अब "उनके जीवन, संपत्ति और सुरक्षा की कोई विशेष परवाह नहीं है।"
1. कांग्रेस शासित राजस्थान की ताज़ा घटना में एक दलित की पीट-पीट कर की गई निर्मम हत्या की चर्चा व उसकी निन्दा पूरे देश भर में हुई किन्तु कांग्रेस का नेतृत्व न केवल खुद चुप ही रहा बल्कि अपने दलित नेताओं के भी बोलने पर पाबन्दी लगाकर उनकी जुबान बंद कर दी है, यह अति-दुःखद व शर्मनाक।
1. कांग्रेस शासित राजस्थान की ताज़ा घटना में एक दलित की पीट-पीट कर की गई निर्मम हत्या की चर्चा व उसकी निन्दा पूरे देश भर में हुई किन्तु कांग्रेस का नेतृत्व न केवल खुद चुप ही रहा बल्कि अपने दलित नेताओं के भी बोलने पर पाबन्दी लगाकर उनकी जुबान बंद कर दी है, यह अति-दुःखद व शर्मनाक।
— Mayawati (@Mayawati) October 12, 2021
2. जो यह साबित करता है कि कांग्रेस पार्टी व इनकी सरकारों की नजर में दलितों की न तो पहले कोई अहमियत थी और न ही अब उनके जान-माल व सुरक्षा की कोई खास परवाह है। पंजाब के नए सीएम व गुजरात के इनके नए नेता द्वारा भी दोहरा मापदण्ड अपनाते हुए अभी तक अपनी जुबान बंद रखना कितना उचित?
2. जो यह साबित करता है कि कांग्रेस पार्टी व इनकी सरकारों की नजर में दलितों की न तो पहले कोई अहमियत थी और न ही अब उनके जान-माल व सुरक्षा की कोई खास परवाह है। पंजाब के नए सीएम व गुजरात के इनके नए नेता द्वारा भी दोहरा मापदण्ड अपनाते हुए अभी तक अपनी जुबान बंद रखना कितना उचित?
— Mayawati (@Mayawati) October 12, 2021
3. यही कारण है कि राजस्थान के इस हत्याकाण्ड के सम्बंध में तीन दिन बाद एफआईआर दर्ज की गई है, जिससे पीड़ित परिवार को सरकार से न्याय मिलने की संभावना कम ही लगती है। अतः यूपी के लखीमपुर खीरी की तरह ही इस मामले का भी मा. सुप्रीम कोर्ट अगर स्वतः संज्ञान ले तो बेहतर।
3. यही कारण है कि राजस्थान के इस हत्याकाण्ड के सम्बंध में तीन दिन बाद एफआईआर दर्ज की गई है, जिससे पीड़ित परिवार को सरकार से न्याय मिलने की संभावना कम ही लगती है। अतः यूपी के लखीमपुर खीरी की तरह ही इस मामले का भी मा. सुप्रीम कोर्ट अगर स्वतः संज्ञान ले तो बेहतर।
— Mayawati (@Mayawati) October 12, 2021