यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा के अनुदेशकों का मानदेय दो हजार रुपये बढ़ाने का एलान किया है। इसके अलावा स्कूल की हर रसोइये को साल में दो साड़ी, हेयर कैप और एप्रन दिया जाएगा।
आज @UPGovt ने बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत रसोइयों के मानदेय में ₹500 तथा अंशकालिक अनुदेशकों के मानदेय में ₹2000 की वृद्धि की है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 29, 2021
रसोइयों को वर्ष में 02 साड़ी उपलब्ध कराने के साथ एप्रन व हेड कैप की राशि सीधे इनके बैंक खाते में भेजी जाएगी।
सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं!
इसके लिए अलावा रसोइये को पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर बीमा भी मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा के अनुदेशकों व रसोइयों के कार्यक्रम में इसकी घोषणा की है।
वर्ष 2017 में अगर प्रदेश के अंदर @BJP4UP की सरकार नहीं आती तो बहुत सारे स्कूल बंद हो गए होते। स्कूल बंद होते ही बहुत सारे लोगों की सेवा स्वत: समाप्त हो गई होती।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 29, 2021
अगर भाजपा की सरकार न आती तो आपकी नौकरी भी न बचती
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनुदेशकों व रसोइयों को संबोधित करते हुए कहा कि 2017 के चुनाव में अगर भाजपा सत्ता में न आई होती तो हजारों सरकारी स्कूल बंद हो जाते और आप सब की नौकरी भी न बचती। पहले की सरकार सिर्फ एक परिवार की सरकार थी। उन्हें न तो शिक्षा से मतलब था और न ही विकास से। भाजपा की सरकार के प्रयासों से अब प्रदेश विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा राज में प्रदेश में कानून का शासन स्थापित हुआ है। अब माफिया प्रदेश छोड़ कर भाग रहे हैं। प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े परिवर्तन किए गए हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों की संख्या बढ़ी है।
69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में भी लिया फैसला
इसके पहले मंगलवार को सरकार ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षण विसंगति दूर कर ओबीसी और एससी के करीब 6 हजार अभ्यर्थियों की सूची 30 दिसंबर को जारी करने का निर्णय लिया है। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी लगातार आंदोलन और प्रदर्शन कर ओबीसी और एससी के करीब 18 हजार पदों पर भर्ती करने की मांग कर रहे हैं। विभाग के एक अफसर के मुताबिक चाहे कुछ पद बढ़ाने पड़ जाएं, लेकिन विभाग ऐसी कोई चूक नहीं करना चाहता, जिससे मामला फिर न्यायालय में जाए या चुनाव के समय ओबीसी या दलित वर्ग के अभ्यर्थी आंदोलन करें।