नई दिल्ली- केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच विवाद लगातार जारी है, जिसको लेकर केंद्र सरकार ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। कुछ मामलों के मद्देनजर सरकार ने गाइडलाइन को और सख्त बनान का भी फैसला लिया है। इस गाइडलाइन में सबसे खास बात तो यह है कि नए नियमों में सरकार प्लेटफॉर्म्स से पहली बार कंटेट पोस्ट करने वाले की जानकारी मांग सकती है।
इसी को लेकर नए बदलाव व्हाट्सएप जैसी एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन देने वाली ऐप्स को खासा प्रभावित करेंगे। तो चलिए नए नियमों के बाद कैसे काम करेगा सोशल मीडिया। नए नियमों के बाद ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को कोर्ट या सरकारी एजेंसी से निर्देश मिलने के बाद 36 घंटे के भीतर कंटेंट हटाना होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले यह सीमा 72 घंटे की थी। हाल ही में सरकार ने ट्विटर से किसान आंदोलन में हिंसा बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैंडल्स पर कार्रवाई की मांग की थी।
हालांकि, ट्विटर ने केंद्र सरकार के आदेश का पूरी तरह पालन नहीं किया था। नए नियमों की मानें तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को कानून व्यवस्था की स्थिति में पहली बार कंटेंट पोस्ट या शेयर करने वाले की जानकारी देनी पड़ सकती है। नए नियम कहते हैं कि 'सरकार से आदेश प्राप्त होने के बाद कंपनी को पहली बार कंटेंट पोस्ट या शेयर करने वाले को अनिवार्य रूप से ट्रेस करना होगा। अगर पहली बार कंटेंट शेयर करने वाला व्यक्ति भारत के बाहर है, तो कंटेंट को देश में जिसे पहली बार शेयर किया गया होगा, उसे पहला ओरिजिनेटर माना जाएगा।'
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को किसी भी जांच में सरकार के निवेदनों पर 72 घंटों में अपनी प्रतिक्रिया देनी होगी। इसके अलावा प्लेटफॉर्म्स को कंटेंट हटाने के लिए यूजर्स की मांग पर काम करना होगा। प्लेटफॉर्म्स को शिकायत के लिए फोरम तैयार करना होगा। इसके लिए सोशल मीडिया आधिकारियों को भारत में एक भारतीय चीफ कंप्लाइंस ऑफीसर की नियुक्ति करनी होगी।
ताकि, आने वाले समय में यह सुनिश्चित किया जा सके कि नियमों का पालन हो रहा है या नहीं। तो वहीं, एक नोडल अधिकारी भी तैनात किया जाएगा, जिससे जरूरत पड़ने पर कानूनी एजेंसियां किसी भी वक्त संपर्क कर सकें। आपको बता दें कि सोशल मीडिया गाइडलाइन को लेकर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 'सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यह जानकारी देनी होगी कि कितनी शिकायतों पर कार्रवाई की गई है। सोशल मीडिया कंपनियों को हर महीने सरकार को इस बात की रिपोर्ट देनी होगी।'