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कार्तिक पूर्णिमा: अयोध्या में कम हुई श्रद्धालुओं की भीड़, पढ़िए इस त्योहार का महत्व और देव दीपावली के शुभ मुहूर्त के बारे

[Edited By: Admin]

Tuesday, 12th November , 2019 02:26 pm

राम नगरी अयोध्या में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं की कम भीड़ देखने को मिल रही है. सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अयोध्या पर आए फैसले और सुरक्षा के लिए लगाई गई बंदिशों का असर राम की नगरी में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के मौके पर नजर आया. सुबह से ही सरयू नदी में स्नान करने के लिए श्रद्धालु एकत्र होने लगे पर इस बार श्रद्घालुओं की संख्या हर बार से कम नजर आ रही है.

बताया जा रहा है कि हर साल जहां कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर 10 लाख से अधिक श्रद्घालु आते थे. इस बार ये भीड़ सिर्फ 10 से 20 प्रतिशत तक ही नजर आ रही है.

अयोध्या सुरक्षा के कड़े घेरे में है. नगर के सभी प्रवेश द्वार समेत चप्पे-चप्पे पर तैनात किए गए सुरक्षा बल सतर्क हैं. बैरियरों पर सघन तलाशी व आईडी चेकिंग के बाद ही लोगों को नगर में प्रवेश दिया जाता रहा. श्रीरामजन्मभूमि जाने वाले सभी मार्ग व अयोध्या की अन्य गलियों में लगे बैरिकेडिंग अभी भी लगी हुई है.

देव दीपावली का शुभ मुहूर्त

ऐसा कहा जाता है कि लक्ष्मी नारायण की पूजा आषाढ़ शुक्ल एकादशी से भगवान विष्णु चार मास के लिए योग निद्रा में लीन होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागते हैं.भगवान विष्णु के योग निद्रा से जागरण से प्रसन्न होकर समस्त देवी-देवताओं ने पूर्णिमा को लक्ष्मी-नारायण की महाआरती कर दीप प्रज्वलित किए. यह दिन देवताओं की दीपावली है. इस दिन दीप दान और व्रत-पूजा आदि कर देवों की दीपावली में शामिल होते हैं.
ऐसी भी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के एक राक्षस का वध किया था. कहा जाता है कि इस खुशी में देवताओं ने दिवाली मनाई और काशी के घाट पर गंगा में दीपदान किया. तभी से कार्तिक की पूर्णिमा के दिन दीपदान किया जाता है. इस दिन लोग सुबह सवेरे स्नान कर भगवान लक्ष्मी नारायण और भगवान शिव की अराधना करते हैं.

शक्ति ज्योतिष केन्द्र के पण्डित शक्ति धर त्रिपाठी के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा 11 की शाम को 5.55 से शुरु होकर अगले दिन मंगलवार 12 नवंबर को शाम 7.03 पर समाप्त होगी.इस बीच सभी शुभ कार्यों में उत्तम भरणी नक्षत्र रहेगा. जिससे पूर्णिमा और भी पुण्यदायी है.

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