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दिल्‍ली में अब बजट को लेकर केजरीवाल सरकार और केंद्र आमने-सामने

[Edited By: Rajendra]

Tuesday, 21st March , 2023 12:57 pm

दिल्‍ली में अब बजट को लेकर केजरीवाल सरकार और केंद्र आमने-सामने हैं। आज दिल्‍ली विधानसभा में बजट पेश नहीं होने जा रहा है। दिल्ली में मंगलवार को बजट पेश होना था, लेकिन आखिरी समय में इस पर गृह मंत्रालय ने रोक लगा दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उप राज्यपाल के जरिए गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से विज्ञापन समेत तीन मुद्दों पर जवाब मांगा था। इस पर दिल्ली सरकार ने अब तक कोई रिप्लाई नहीं किया। यानी बजट की फाइल फाइनल अप्रूवल के लिए भेजी ही नहीं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्‌ठी लिखी है। उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री जी दिल्ली के लोगों से आप क्यों नाराज हैं। कृपया बजट मत रोकिए। केजरीवाल ने कहा कि देश के 75 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब दिल्ली में बजट पेश होने से एक दिन पहले केंद्र ने इस पर रोक लगा दी है। ये सीधे तौर पर केंद्र सरकार की गुंडागर्दी है।

वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में बताया कि बजट की फाइल को अप्रूवल के लिए दोबारा गृह मंत्रालय भेज दिया गया है। उन्होंने बजट रोके जाने पर अफसोस जताते हुए कहा कि जनता का चुना हुआ मुख्यमंत्री और कैबिनेट होने का क्या फायदा जब एक बजट तक पास न कर पाएं।

केजरीवाल के बयान पर दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर ऑफिस ने स्टेटमेंट जारी किया। जिसमें बताया गया कि उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने बजट पास कर कुछ नोट्स जोड़कर उन्हें 9 मार्च को दिल्ली सरकार के पास भेज दिया था। दिल्ली सरकार ने फिर इसे राष्ट्रपति से अप्रूव कराने के लिए गृह मंत्रालय को भेजा।

दिल्ली में बजट को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने पहले केंद्र सरकार पर बजट को रोकने का आरोप लगाया तो अब अफसरों को भी साजिश में शामिल बताया है। केंद्र सरकार की ओर से यह जवाब देने के बाद कि 17 मार्च को ही दिल्ली सरकार को फाइल भेज दी गई थी, आप सरकार ने मुख्य सचिव और वित्त सचिव पर ठीकरा फोड़ दिया है। विधानसभा में पूरे मामले पर अपनी बात रखते हुए वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने मुख्य सचिव पर आरोप लगाया कि उन्होंने कल शाम तक उन्हें नहीं बताया कि गृहमंत्रालय की ओर से कुछ स्पष्टीकरण मांगा गया है। इससे पहले आप के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मुख्य सचिव पर फाइल दबाकर बैठने का आरोप लगाते हुए इसे देशद्रोह से भी बड़ा मामला बताया है।

उन्होंने कहा कि यदि किसी चुनी हुई सरकार को बजट भी नहीं पेश करने दिया जाएगा तो इससे बड़ा घोर अन्याय नहीं हो सकता है। गहलोत ने कहा, 'रात को ही फाइल प्रिंसिपल सेक्रेट्री फाइसेंस से बात की तो उन्होंने कहा कि जवाब भेज दिया गया है। एक चीज समझ से बाहर है। गृहमंत्रालय ने 17 तारीख को साढ़े पांच बजे लेटर लिखा। 17 तारीख से 20 तारीख के 2 बजे तक वित्त मंत्री को यह नहीं पता है कि गृहमंत्रालय से कोई चिट्ठी आई है या नहीं। ऐसी कोई चिट्ठी आई तो चीफ सेक्रेट्री को तुरंत वित्त मंत्री के संज्ञान में लाना चाहिए था, ताकि समय बर्बाद नहीं होता।

इससे पहले आम आदमी पार्टी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार अधिकारियों के साथ मिलकर दिल्ली सरकार के खिलाफ साजिश रच रही है। दिल्ली के मुख्य सचिव और वित्त सचिव इस साजिश में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि क्या उनके खिलाफ कार्रवाई होगी? अगर शाम तक कार्रवाई नहीं हुई तो इसका मतलब साफ है कि इस साजिश में केंद्र एलजी और अधिकारी सब शामिल हैं। सौरभ ने कहा कि दिल्ली सरकार की तरफ से 10 मार्च को ही बजट की फाइल भेज दी गई थी। अगर केंद्र ने 17 मार्च को कोई आपत्ति जताई थी तो मुख्य सचिव उस फाइल को क्यों लेकर बैठ गए। ये तो देशद्रोह से भी बड़ा मामला है जो एक चुनी हुई सरकार के खिलाफ किया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने 17 मार्च को तीन ऑब्जर्वेशन दिल्ली सरकार को भेजे : पहला- राजधानी जैसे क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के लिए बजट का 20% हिस्सा क्यों रखा? दूसरा- दिल्ली सरकार विज्ञापन का बजट दोगुना क्यों कर रही है? तीसरा- आयुष्मान भारत जैसी केंद्रीय योजनाओं का लाभ दिल्ली की गरीब जनता को क्यों नहीं दिया जा रहा? सूत्रों ने लेफ्टिनेंट गवर्नर ऑफिस के हवाले से बताया कि दिल्ली सरकार ने इन तीनों पॉइंट्स पर अब तक गृह मंत्रालय को जवाब नहीं भेजा। लेफ्टिनेंट गवर्नर ऑफिस अभी तक इस फाइल के भेजे जाने का इंतजार कर रहा है।

दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने आरोपों को निराधार और गलत बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली का बजट 78,800 करोड़, इनमें से 22,000 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे पर खर्च के लिए और सिर्फ 550 करोड़ रुपये विज्ञापनों पर खर्च के लिए है। उन्होंने कहा, विज्ञापन पर खर्च पिछले साल के बजट के बराबर ही है।

मुख्य सचिव के ऊपर आरोप लग रहे हैं कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के काम को रोकने के लिए वो हर प्रयास कर रहे हैं। सौरभ भारद्वाज ने ये भी दावा किया कि सोमवार को जब दिल्ली सरकार के बजट को रोकने की खबरें चलीं तो शाम 6 बजे दिल्ली के मुख्य सचिव ने वित्त मंत्री को बताया कि बजट पर केंद्र सरकार की ओर से रुकावटें आ गई हैं। उन्होंने सवाल किया कि मुख्य सचिव इतना बड़ा षड्यंत्र किसके कहने पर कर रहे हैं। भारद्वाज ने पूछा कि केंद्र सरकार इस पर चुप क्यों है, एलजी क्यों चुप हैं। इसलिए क्योंकि ये षड्यंत्र केंद्र सरकार के इशारे पर हो रहा है।

बजट विवाद के बाद बीजेपी विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जिस तरह बीजेपी ने शोर मचाया है, मैं उसकी घोर निंदा करता हूं। इससे पहले दिल्ली सरकार के सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केजरीवाल सरकार के बजट पर रोक लगा दी है और इसे मंगलवार को विधानसभा में पेश नहीं किया जाएगा। हालांकि, दोनों ही ओर से आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर जारी है।

भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बजट विवाद पर कहा कि अरविंद केजरीवाल अपनी गलतियों को छिपाने के लिए केंद्र, प्रधानमंत्री पर आरोप लगा रहे हैं। उपराज्यपाल (एलजी) के कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, एलजी ने 2023-2024 के वार्षिक वित्तीय विवरण को नौ मार्च को कुछ टिप्पणियों के साथ मंजूरी दी और फाइल मुख्यमंत्री को भेजी थी। इसके बाद दिल्ली सरकार ने गृह मंत्रालय को एक पत्र भेजकर राष्ट्रपति की स्वीकृति मांगी थी जो कानून के तहत जरूरी है।

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