सावन के महीने की शुरुआत हो चुकी है। हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व होता है। भगवान शिव के इस प्रिय महीने में सभी भक्त उनकी पूजा-अर्चना कर उन्हें मनाने में लग जाते हैं। कहा जाता है कि इस महीने जो सच्चे मन से भोलेनाथ की अराधना करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।
सावन में कई तरह की चीजों को खाने पीने की मनाही होती है। इसी के साथ कपड़ों को लेकर भी सावधानी बरतने की जरूरत होती है। हिंदू धर्म के अनुसार पूजा करने के कई नियम होते हैं। कहते हैं नियम अनुसार पूजा करने से हर किसी की मनोकामना पूरी होती है तो वहीं ऐसा न करने पर गलत परिणाम भुगने पड़ सकते हैं। आपने आज तक सुना होगा कि शादीशुदा महिलाओं को लाल रंग का जोड़ा पहनकर पूजा में बैठना चाहिए। लाल रंग खुशियों और सोभाग्य का प्रतीक माना जाता है। लाल रंग की तरह हरे रंग का भी बहुत महत्व होता है। सावन के पावन महीने में औरतें हरे रंग की चुड़ियां पहनती हैं।
माना जाता है कि सावन में हरी चुड़ियां पहनने से शिव जी का आशीर्वाद मिलता है और पति की आयु लंबी होती है। भगवान शिव एक योगी थे और उन्हें प्रकृति की सुंदरता के बीच ध्यान में बैठना बहुत ही पसंद था। हरा रंग पहनने से भी महादेव प्रसन्न होते हैं। इसलिए महिलाएं सावन के महीने में हरा रंग पहनती हैं। शिव पूजा में वैसे तो आप किसी भी रंग के कपड़े पहन सकते हैं, लेकिन एक रंग को पहनना वर्जित माना गया है। शिव पूजा में काले रंग के कपड़ों को पहनना बहुत अशुभ माना जाता है। काले रंग के बारे में बताया जाता है कि शिव जी की अराधना करते समय कभी इस रंग को न पहनें। यह रंग देखते ही भोले नाथ क्रोधित हो जाते हैं।