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भक्त अब रोपवे से दर्शन करने जा सकेंगे माता वैष्णों देवी के दरबार

[Edited By: Vijay]

Saturday, 16th April , 2022 01:53 pm

हिंदू धर्मावलंबियों के लिए जम्मू के कटरा स्थित माता वैष्णो देवी का मंदिर (Mata Vaishno Devi Mandir) एक बड़ा तीर्थस्थल है.

हर महीने लाखों तीर्थयात्री वैष्णो देवी के दर्शन-पूजन के लिए जाते हैं. श्रद्धालु ट्रेन से कटरा पहुंचते हैं और यहां से फिर माता के मंदिर की ओर चढ़ाई करते हैं. अब आने वाले दिनों में यहां रोपवे (Ropeway) की व्यवस्था होगी. फिलहाल वहां चॉपर सेवा (Chopper Service Vaishno Devi) उपलब्लध है. वहीं, लोग खच्चर की सवारी कर के भी चढ़ाई करते हैं. लेकिन अब जल्द ही रोपवे के जरिये लोग माता के दर्शन को जाएंगे. इसके जरिये अब वैष्णो देवी की यात्रा और भी आसान हो जाएगी.

दरअसल माता वैष्णो देवी यात्रा को सुगम बनाने के लिए कटरा से अर्धकुंवारी के बीच रोपवे बनाने के बहुप्रतीक्षित प्रस्ताव को औपचारिक मंजूरी दे दी गई है. पीबीएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, श्राइन बोर्ड की 69वीं बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.

आइए जानते हैं, वैष्णो देवी की यात्रा में रोपवे का सफर कितना लंबा होगा, इस पूरे प्रोजेक्ट में कितना खर्च आएगा और यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को कितना किराया देना पड़ सकता है.

2012 से तलाशी जा रही थी संभावना

दरअसल, बोर्ड ने 2012 में पहली बार 51वीं बैठक में रोपवे की संभावनाएं तलाशने के लिए रेलवे के उपक्रम राइट्स (RITES) यानी रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस से स्टडी कराने का फैसला लिया था. राइट्स ने 2017 में अपनी रिपोर्ट बोर्ड को सौंपी थी, जिसमें कटरा से अर्धकुंवारी मंदिर के बीच रोपवे के निर्माण को उपयुक्त पाया गया था. उसके बाद से यह प्रस्ताव लगातार लंबित चल रहा था, जिसे नवगठित बोर्ड की पहली बैठक में ही मंजूरी प्रदान कर दी गई.

कितनी लंबी होगी रोपवे की यात्रा?

प्रस्ताव के अनुसार कटरा से अर्धकुंवारी के बीच 1281.20 मीटर लंबे रोपवे का निर्माण किया जाएगा, जिसकी ऊंचाई अधिकतम 590.75 मीटर तक होगी. इसके जरिए प्रति घंटे एक तरफ 1500 यात्रियों को ले जाना संभव होगा. बताया जा रहा है कि रोपवे केबिन की क्षमता आठ यात्रियों की होगी.

रोपवे प्रोजेक्ट में कितना आएगा खर्च?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस रोपवे प्रोजेक्ट के निर्माण पर करीब 94.23 करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है. कहा जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट पर जल्द ही काम शुरू होगा और प्रायोरिटी बेसिस पर काम पूरा किया जाएगा. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही तीर्थयात्रियों को इस सुविधा का लाभ मिलेगा.

कितना हो सकता है किराया?

राइट्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि प्रति यात्री आने-जाने का शुल्क 200 रुपये रखा जाता है तो 63 फीसदी ऑपरेशनल लागत ऊपर हो सकती है. श्रीमाता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सदस्य केके शर्मा ने कहा कि बोर्ड की बैंठक में प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद अब इस पर आगे का कार्य जल्दी आरंभ होगा. श्रीमाता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की 69वीं बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे.       

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