नई दिल्ली-मीटू मामले में फंसे पूर्व केंद्रीय मंत्री और देश के जाने-माने पत्रकार एमजे अकबर को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को बरी कर दिया है। राउज एवेन्यू कोर्ट के एडिशनल चीफ़ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार पांडे दोनों पक्षों की मौजूदगी में एक ओपन कोर्ट में यह निर्णय सुनाया है। कोर्ट ने अपने फैसले मंर कहा कि यौन शोषण आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को खत्म कर देता है। साथ ही यह भी कहा कि किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा की सुरक्षा किसी के सम्मान की कीमत पर नहीं की जा सकती है।
केन्द्रीय मंत्री एमजे अकबर की तरफ से मी टू केस को लेकर दायर आपराधिक मानहानि केस में दिल्ली की अदालत से बुधवार को बरी होने के बाद पत्रकार प्रिया रमानी ने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि उनके लिए यह सुखद अनुभूति है। उन्होंने कहा कि मैं उन सभी महिलाओं के आधार पर जीत महसूस कर रही हूं जिन्होंने यौन उत्पीड़न के खिलाफ बोला प्रिया रमानी ने आगे कहा कि यौन उत्पीड़न ने लोगों का ध्यान खींचा क्योंकि यह वैसा ही मामला है। वास्तव में, मैं एक पीड़ित थी जिसे कोर्ट में एक अभियुक्त के तौर पर खड़ा कर दिया गया। मैं उन सभी का धन्यवाद करती हूं जो मेरे लिए उठकर खड़े हुए। इस जीत के लिए कोर्ट का शुक्रिया करती हूं।
गौरतलब है कि साल 2018 में मी टू अभियान के तहत रमानी ने अकबर पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए थे। अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को रमानी के खिलाफ कथित तौर पर उन्हें बदनाम करने के लिए शिकायत दर्ज कराई थी। इसी दौरान अकबर ने 17 अक्टूबर 2018 को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। साल 2017 में रमानी ने वोग के लिए एक लेख लिखा जहां उन्होंने नौकरी के साक्षात्कार के दौरान पूर्व बॉस द्वारा यौन उत्पीड़न किए जाने के बारे में बताया। एक साल बाद उन्होंने खुलासा किया कि लेख में उत्पीड़न करने वाले व्यक्ति एमजे अकबर थे।